बाराबंकी जिले की राजनीति में विभिन्न विधायकों ने अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठा दिखाई है, जबकि कुछ ने समय-समय पर दल बदल कर ‘आया राम गया राम’ की श्रेणी में स्थान पाया है। आइए, जिले के वर्तमान विधायकों के राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं:

धर्मराज सिंह यादव (सपा, बाराबंकी सदर) – निष्ठावान विधायक
धर्मराज सिंह यादव, जिन्हें सुरेश यादव के नाम से भी जाना जाता है, ने 2012 में समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने जाने के बाद से ही उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया। 2012-2017 तक सोलहवीं विधानसभा के सदस्य के रूप में उन्होंने प्रतिनिधित्व विधायन समिति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2017 में उन्होंने दूसरी बार जीत दर्ज कर सत्रहवीं विधानसभा में प्रवेश किया, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिरता साबित हुई। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बाराबंकी सीट से तीसरी बार जीत हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
बाराबंकी जिले के विधायक धर्मराज सिंह यादव अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठा है ।
साकेन्द्र प्रताप वर्मा (भाजपा, कुर्सी) – निष्ठावान विधायक
साकेन्द्र प्रताप वर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और 2017 में कुर्सी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए। 2022 में उन्होंने पुनः जीत हासिल की। उनका राजनीतिक सफर भाजपा के साथ ही रहा है, जिससे वे विचारधारा के प्रति समर्पित नेता के रूप में जाने जाते हैं। वह दलबदलू नेता नहीं हैं।
फरीद महफूज किदवई (सपा, रामनगर) – ‘आया राम गया राम’ की श्रेणी में
फरीद महफूज किदवई ने 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से मसोली सीट से विधायक बने। 2011 में उन्होंने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और 2012 में कुर्सी सीट से विधायक चुने गए। 2022 में उन्होंने रामनगर सीट से सपा के टिकट पर जीत हासिल की। उनका यह दल परिवर्तन उन्हें ‘आया राम गया राम’ की श्रेणी में रखता है।
सतीश चंद्र शर्मा (भाजपा, दरियाबाद) – निष्ठावान विधायक
सतीश चंद्र शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2007 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा मोर्चा से की और अपनी मेहनत व संगठनात्मक क्षमता के बल पर जल्द ही पार्टी में एक प्रमुख युवा नेता के रूप में उभरे। उन्होंने युवा मोर्चा में विभाग संयोजक, क्षेत्रीय मंत्री और जिला महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया
2010 में उन्होंने सिद्धौर चतुर्थ क्षेत्र से पहली बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता और 2015 में दोबारा इसी सीट से विजयी होकर अपनी जनाधार को मजबूत किया। यहीं से उनके राजनीतिक करियर ने गति पकड़ी और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें दरियाबाद सीट से टिकट दिया। इस चुनाव में उन्होंने छह बार के विधायक और पूर्व मंत्री राजीव कुमार सिंह को 50,686 मतों के भारी अंतर से हराकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया।
2022 के विधानसभा चुनाव में सतीश चंद्र शर्मा ने एक बार फिर अपनी जीत का परचम लहराया। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप को 32,402 मतों के अंतर से पराजित कर लगातार दूसरी बार विधायक बनने में सफलता हासिल की।
बाराबंकी जिले के विधायक सतीश चंद्र शर्मा अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठा है ।
दिनेश रावत (भाजपा, हैदरगढ़) – निष्ठावान विधायक
दिनेश रावत ने 2022 में भारतीय जनता पार्टी से हैदरगढ़ सीट से विधायक चुने गए। उनका राजनीतिक सफर भाजपा के साथ ही रहा है, जिससे वे विचारधारा के प्रति समर्पित नेता के रूप में जाने जाते हैं। वह दलबदलू नेता नहीं हैं।
गौरव रावत (सपा, जैदपुर) – निष्ठावान विधायक
गौरव रावत ने 2022 में समाजवादी पार्टी से जैदपुर सीट से विधायक चुने गए। उनका राजनीतिक सफर सपा के साथ ही रहा है, जिससे वे विचारधारा के प्रति समर्पित नेता के रूप में जाने जाते हैं। गौरव रावत ने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों में सक्रिय भागीदारी के साथ ही अपने राजनीतिक जीवन की नींव रखी। छात्र राजनीति के दौरान ही उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल और जनसंपर्क की क्षमता का परिचय दिया, जिसके बाद उन्होंने 2009 में समाजवादी पार्टी से जुड़कर अपने राजनीतिक करियर को औपचारिक रूप से शुरू किया।
पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और कड़ी मेहनत ने उन्हें जल्द ही सपा का एक प्रमुख युवा चेहरा बना दिया। 2019 में हुए उपचुनाव में उन्हें बाराबंकी जिले की जैतापुर सीट से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया। इस चुनाव में गौरव रावत ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए जीत हासिल की और पहली बार विधायक बने।वह दलबदलू नेता नहीं हैं।
बाराबंकी जिले के विधायकों की राजनीतिक निष्ठा
बाराबंकी जिले के विधायकों में अधिकांश ने अपनी मूल विचारधारा के प्रति निष्ठा बनाए रखी है। हालांकि, फरीद महफूज किदवई का दल परिवर्तन उन्हें ‘आया राम गया राम’ की श्रेणी में रखता है। वहीं, धर्मराज सिंह यादव, साकेन्द्र प्रताप वर्मा, सतीश चंद्र शर्मा, दिनेश रावत और गौरव रावत जैसे नेता अपनी-अपनी पार्टियों के प्रति निष्ठावान रहे हैं।
क्रम | विधायक का नाम | विधानसभा क्षेत्र | वर्तमान दल | राजनीतिक निष्ठा / दल परिवर्तन की स्थिति | श्रेणी |
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1 | फरीद महफूज किदवई | मासौली | समाजवादी पार्टी | पूर्व में कांग्रेस में थे, बाद में सपा में शामिल हुए | “आया राम गया राम” |
2 | धर्मराज सिंह यादव | हैदरगढ़ | समाजवादी पार्टी | सपा से ही राजनीतिक यात्रा, कोई दलबदल नहीं | निष्ठावान विधायक |
3 | साकेन्द्र प्रताप वर्मा | रामनगर | समाजवादी पार्टी | निरंतर सपा के साथ जुड़े रहे | निष्ठावान विधायक |
4 | सतीश चंद्र शर्मा | कुर्सी | भारतीय जनता पार्टी | शुरुआत से भाजपा से जुड़े रहे, कोई दल परिवर्तन नहीं | निष्ठावान विधायक |
5 | दिनेश रावत | जैदपुर | भारतीय जनता पार्टी | भाजपा के साथ लगातार सक्रिय, कोई दलबदल नहीं | निष्ठावान विधायक |
6 | गौरव रावत | बाराबंकी | समाजवादी पार्टी | सपा से ही सक्रिय, कोई दल परिवर्तन का रिकॉर्ड नहीं | निष्ठावान विधायक |