प्रधानाचार्य- हेलो…(principal receives threat call)
- शिक्षामित्र- हेलो…हां, तू कौन बोल रहा है, संजीव बोल रहा है।
- प्रधानाचार्य- जी… संजीव बोल रहा है तू। आप कौन बोल रहे हैं?
- शिक्षामित्र- मैं जीतू तिवारी बोल रहा हूं उमा का भाई, ओ मिस्टर मास्टर साहब!
- प्रधानाचार्य- हां… हां… भैया बताइये।
- शिक्षामित्र- ये बताओ नेतागीरी करना चाहते हो या नौकरी करना चाहते हो मेरे बाराबंकी डिस्ट्रिक्ट में।
- प्रधानाचार्य- भैया सुनो तो हमारी बात सुनो, हमने कहा कि नेतागिरी…
- शिक्षामित्र- मैं तुम्हारी नहीं सुनता हूं ये उमा की गलती है। मैं तुमको सुनाऊंगा कल सुबह तुम अपनी व्यवस्था करना। कल सुबह 8 बजे मैं तुमको विद्यालय में मिलूंगा, ठीक है।
ये धमकी भरी कॉल की बातचीत के कुछ अंश हैं इसमें एक शिक्षामित्र ने प्राथमिक विद्यालय बसारी वि.ख. सूरतगंज (बाराबंकी) में प्रिंसिपल को अनुपस्थित दर्ज करने पर धमकाया है।
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ऊंची पहुंच की जमाई धौंस
- प्रधानाचार्य- क्या व्यवस्था करनी है?
- शिक्षामित्र- क्यों एब्सेंट कर दिया। तनख्वाह नहीं देती मा…. गवर्न्मेंट की तब तुम कुछ नहीं कर पाते हो तुम। एक दिन विद्यालय नहीं गया तो तुमने एब्सेंट कर दिया। क्यों एब्सेंट कर दिया हमको बताइये।
- प्रधानाचार्य- भैया मेरी बात तो सुनो कम से कम।
- शिक्षामित्र- हां बताइये आप।
- प्रधानाचार्य- क्या व्यवस्था करनी पड़ेगी बताओ।
- शिक्षामित्र- तुम व्यवस्था कर लेना अपनी मैं तुमको आठ बजे आकर कल विद्यालय में मिलूंगा, ठीक है।
- प्रधानाचार्य- एक अध्यापक की जेब में एक कलम होता है, बाकी कोई व्यवस्था उसकी नहीं होती है।
- शिक्षामित्र- आं….
- प्रधानाचार्य-अध्यापक की जेब में एक कलम होता है, बाकी कोई व्यवस्था उसकी नहीं होती है आ…।
- शिक्षामित्र- हां तो ठीक है कलम की व्यवस्था कर लेना।
- प्रधानाचार्य- कलम की व्यवस्था तो हमेशा ही रहता है उसकी व्यवस्था कौन करेगा।
- शिक्षामित्र- हां तो कल आठ बजे मैं तुम्हारे विद्यालय आऊंगा, सुनियेगा मास्टर साहब।
- प्रधानाचार्य- तो क्या करोगे ये भी बता दो।
- शिक्षामित्र- मेरे बारे में अगर आप को नॉलेज नहीं है तो बेसहरी, जैतापुर, दुंदपुर, उमरी, विसनपुर सब जगह पूछ लो, ठीक है।
- प्रधानाचार्य- आप ही बता दीजिये।
- शिक्षामित्र- तुमने मुझे क्यों एब्सेंट कर दिया है, तुम लखीमपुर के रहने वाले हो… मेरी बात सुनो… लखीमपुर के अरविंद गिरी जी का नाम सुना है।
- प्रधानाचार्य- बिलकुल पड़ोस के ही हैं।
- शिक्षामित्र- ठीक है मेरे मौसा भी गोला गोकर्णनाथ में सीओ रहे हैं कम से कम 6 महीने तक, और तुम इतने बड़े तीरंदाज हो तो मैं तुम्हे कल समझा दूंगा, कल सुबह तक तुम्हें जो व्यवस्था करना हो कर लेना।
- प्रधानाचार्य- भैया हम क्या व्यवस्था कर लेंगे ये भी तो बताइये।
- शिक्षामित्र- हां तो क्यों एब्सेंट कर दिया तुमने, सेलरी नहीं मिलती है तो तुम देते हो अपनी जेब से… बताइये।
- प्रधानाचार्य- सेलरी नहीं मिलती है, जी हमको कोई आदेश तो है नहीं, भाई एक बात बताइये देखिये।
- शिक्षामित्र- तुमको किस माद…. ने एब्सेंट करने का आदेश दिया है, ये बताइये हमको।
- प्रधानाचार्य- ये कोई आदेश नहीं देता, ये किसी का आदेश देना नहीं होता।
- शिक्षामित्र- ये कोई आदेश नहीं देता, साइन वगैरह तुम्हारी मान्य होगी, दिमाग ख़राब है तुम्हारा, तुम ये बताओ किस जगह हो मैं अभी आता हूं। किस जगह हो बोलो…
- प्रधानाचार्य- हम बेलहरा में हैं, हां।
- शिक्षामित्र- बेलहरा में किस जगह हो, ये बताओ?
- प्रधानाचार्य- हम यहीं रहते हैं, बेलहरा में पेट्रोल पम्प के पास।
- शिक्षामित्र- बेलहरा में पेट्रोल पम्प के पास रहते हो।
- प्रधानाचार्य- हां… हां….(principal receives threat call)
- शिक्षामित्र- ठीक है, रखो फोन मैं अभी पेट्रोल पम्प के पास आकर फोन करता हूं। पेट्रोल पंप के पास आईये, मैं अभी तीन घंटे में आ रहा हूं तुम्हारे पास… रखो फोन रखो… कुत्ते साले, माद…।
…तो ये है शिक्षामित्रों की गुंडई कि किस तरह से अध्यापकों को धमका रहे हैं। ये मामला तो सिर्फ बानगी के लिए काफी है। लेकिन उमा से प्रिंसिपल की क्या बातचीत हुई ये ऑडियो में खुद सुन लीजिये। (principal receives threat call)
https://youtu.be/YoMWDwEckAM
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.