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यमुना विकास प्राधिकरण में अरबों का ‘महाघोटाला’!

yamuna development authority
बिल्डरों, सरकार और अधिकारियों की लूट का एक और कारनामा सामने आया है. ये घोटाला करीब ढाई हज़ार करोड़ करोड़ का है. घोटाला मायावती के शासनकाल में हुआ जिन्होंने ज़िंदगी भर गरीब और समाज के दबे कुचले लोगों के नाम पर राजनीति की. उन्हीं की ज़मीन उन्हीं के शासनकाल के अधिकार और बिल्डर्स मिलकर डकार गए. दरअसल यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में किसानों की आड़ लेते हुए आबादी के नाम पर जमीन छोड़ने का ये ढाई हज़ार करोड़ का बड़ा घोटाला है.

बसपा के शासनकाल का घोटाला उजागर: 

https://youtu.be/hdnzyYqHKaY

कृषि भूमि पर बस्ती दिखाकर किया गया खेल: 

  • इसमें किसानों को मुआवज़ा भी नहीं दिया गया.
  • यहाँ तक कि किसान आंदोलन का भी नहीं हुआ असर.
  • तत्कालीन सरकार में अधिकारी करोड़ रुपये डकार गए
  • इस मामले में चेयरमैन प्रभात कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं.
  • इस महा घोटाले पर प्राधिकरण चेयरमैन और मेरठ मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं.
  • पूरे खेल के खुलासे के लिए किसानों ने जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कराने के लिए आंदोलन भी किए.
  • जेल भी गए लेकिन उनकी कौन सुने.
  • जब बिल्डर और बेताल टाइप के अधिकारी कुर्सी से चिपके बैठे हों.
  • इसके बाद प्राधिकरण ने इस आंदोलन को आधार बनाकर सरकार को रिपोर्ट भेजी.
  • सरकार ने प्राधिकरण को किसानों के हित में कदम उठाने के निर्देश दिए.
  • इसी आदेश को आधार बनाकर आबादी की जमीन छोड़ने का गोरखधंधा शुरू हुआ.

कैसे शुरू हुआ घोटाला :

यमुना विकास प्राधिकरण में घोटाला:

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