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विरासत वृक्षों से समृद्ध है उत्तर प्रदेश, बोधि वृक्ष और पारिजात के साथ बुलंदशहर के नरौरा में है दुनिया का सबसे पुराना बरगद का पेड़

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विरासत वृक्षों से समृद्ध है उत्तर प्रदेश, बोधि वृक्ष और पारिजात के साथ बुलंदशहर के नरौरा में है दुनिया का सबसे पुराना बरगद का पेड़

यूपी में है विरासत वृक्षों का खजाना बुलंदशहर के नरौरा में है 500 साल पुराना बरगद का पेड़।

उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक, संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटको के बीच आकर्षण का केंद्र है।

लखनऊ, 1 सितंबर।

उत्तर प्रदेश अपने ऐतिहासिक महत्व, संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल से ही यहाँ देवी, देवताओं और संतों का वास था, जो देश विदेश के पर्यटको को आकर्षित करता है। पेड़ और पर्यावरण भी प्रदेश की परंपराओं और संस्कृति का अभिन्न अंग है। यूपी में कई विरासत वृक्ष है जिसमें बुलन्दशहर के नरोरा पावर प्लांट से लगभग 8 किमी दूर, हाल ही में खोजा गया बरगद का पेड़, अपर गंगा रामसर साइट पर स्थित इस शानदार बरगद के पेड़ को भारत, रोमानिया और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम द्वारा कार्बन-डेट करने के बाद 500 वर्ष पुराना बताया गया है। खास बात यह कि 4069 वर्ग मीटर में छतरीनुमा आकार में फैला हुआ है, जिसका मुख्य ट्रंक केवल चार जड़ों के सहारे खड़ा है। यह पेड़ पांच शताब्दियों की सांस्कृतिक विरासत समेटे हुए आज भी खड़ा है। यह पेड़ कोलकाता में आचार्य जगदीश चंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान के महान बरगद के पेड़ से भी ज्यादा पुराना है और वर्तमान में दुनिया में अपने आकार के विशाल बरगद के पेड़ों में दसवें स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश ऐसे कई विरासत वृक्षों से समृद्ध है, जिनके साथ एक धार्मिक या ऐतिहासिक कहानी जुड़ी हुई है, जिनमें बुद्ध से जुड़ा सारनाथ का बोधि वृक्ष, मैनपुरी का विरासत वृक्ष, वाराणसी में इमली का वृक्ष, श्रावस्ती का पीपल वृक्ष, और महाभारत काल में कल्पवृक्ष के नाम से जाने जाना वाला बाराबंकी का पारिजात वृक्ष भी शामिल है।
सरकार वर्तमान में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के ऐसे स्थानों के आसपास एक समग्र बुनियादी ढांचा विकसित कर रही है ताकि न केवल स्थलों को उजागर किया जा सके बल्कि पर्यटकों को सर्वोत्तम संभव सुविधाएं भी प्रदान की जा सकें। परिणामस्वरूप, अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण यूपी में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, और अतीत के ये जीवित अवशेष इस क्षेत्र के आकर्षण को और भी बढ़ा रहे हैं।
प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम के अनुसार, “उत्तर प्रदेश उन लोगों के लिए एक प्रकाश स्तंभ बनकर उभरा है जो इसकी समृद्ध विरासत को जानने के इच्छुक हैं। राज्य की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल देश और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। मंदिरों की जटिल नक्काशी से लेकर प्राचीन किलों की भव्यता तक, उत्तर प्रदेश के हर कोने में ऐसी कहानियाँ हैं जो उजागर होने की प्रतीक्षा कर रही हैं। यूपी में कई विरासत वृक्ष हैं, जिनमें हाल ही में नरोरा का कार्बन-डेटेड बरगद का पेड़ भी शामिल है, जो इस बात का उदाहरण है कि कैसे प्रदेश का अनुकूल और जीवंत वातावरण लगातार इसके आकर्षण को बढ़ा रहा है।”

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