Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

जम्मू-कश्मीरः आतंकी हमले में शहीद हुए यूपी के पांच लाल!

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पंपोर बॉर्डर पर घात लगाकर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में शनिवार को सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गए। इनमें से तीन जवान उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। यूपी में मेरठ के सतीश चंद मावी, फिरोजाबाद के वीर सिंह और इलाहाबाद के राजेश कुमार देश आतंकियों की नापाक साजिश का शिकार होकर शहीद हो गयें। इन सीआरपीएफ जवानों की शहादत की सूचना मिलने के बाद इनके गांवों में मातम पसरा हुआ है।

फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद क्षेत्र में नगला गांव के रहने वाले वीर सिंह आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हो गए। वीर सिंह के शहादत की जानकारी जैसे ही उनके घर वालों को हुयी तो परिवार में कोहराम मच गया। काफी संख्या में गांव के लोग उनके घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।

शहीद के भाई राजू ने बताया भैया डेढ़ महीने की छुट्टी पर आये थे और 22 जून को ही गए थे. वो नौकरी में शहीद हो गए। वीर सिंह की शहादत की जानकारी रात्रि में ही उसके परिजनों को मिल गई थी जिससे न केवल उनके घर में बल्कि पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है।

Firozabad

मेरठ के किला परीक्षितगढ़ क्षेत्र के बली गांव के रहने वाले सतीश चंद मावी की शहादत की खबर से परिवार स्तब्ध है। रात में कमांडेंट ने सतीश परिजनों को इस हादसे की सूचना दी, जिसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।

34 वर्षीय सतीश चंद मावी 12 वर्ष पूर्व सीआरपीएफ में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। वर्तमान में सतीश चंद मावी की तैनाती जम्मू- कश्मीर में थी। सतीश मावी की पत्नी सावित्री और दो बेटियां हैं, शहीद सतीश मावी के घर पर लोगो का तांता लगा हुआ है और वो परिवार को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं।

इलाहबाद जिले के मेजा में निबी के रहने वाले राजेश कुमार भी इस मुठभेड़ में शहीद हो गए। टीवी में खबरों को देखकर परिवार के बाकी लोगों को भी इस हादसे का पता चला, जिसके बाद पूरा परिवार सदमे में है।

जौनपुर के संजय सिंह भी शनिवार को जम्मू के पम्पोर में आतंकी हमले में शहीद हो गये। संजय की नियुक्ति सन 90 में हुई थी। वे तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। पिता श्यामनारायण सिंह भी सीआरपीएफ में थे. रिटायरमेंट के बाद गांव में रह रहे हैं।

उन्नाव के कैलाश यादव भी इस मुठभेड़ में शहीद हो गए। कैलाश की शहादत की खबर से पूरे गांव में हड़कंप मच गया।

वहीं परिवार के लोगों में गम के साथ गुस्सा भी है, उनका कहना है कि कश्मीर की सरकार आतंक को संरक्षण दे रही है। सरकार के इशारे पर ये वारदातें हो रही हैं इसलिए केंद्र की सरकार को भी इस और ध्यान देने की जरूरत है।

Related posts

‘हैवानियत’ का गवाह बन गया मकर संक्रांति!

Sudhir Kumar
9 years ago

फर्रूखाबाद- आचार संहिता की उडांई खुलेआम धज्जियां

kumar Rahul
8 years ago

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लिए 1.75 लाख पेड़ काटे जाएंगे, बदले में सरकार 3.75 लाख पेड़ लगाएगी।

Desk
8 years ago
Exit mobile version