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SC ने लगाई सरकार को फटकार, संरक्षण नहीं कर सकते तो ताज को गिरा दो

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आज सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल को लेकर एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी की है. शीर्ष न्यायालय ने आज दुनिया के सात अजूबों में से एक ताज महल की जर्जर होती हालत को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई. 

ताज के रखरखाव की याचिका पर की सुनवाई:

उच्चतम न्यायालय ने आज दुनिया के प्रसिद्ध ताजमहल के उचित रखरखाव की मांग वाली एक याचिका की सुनवाई की. इस दौरान न्यायालय ने कहा कि अगर ताज की सही से देखभाल नहीं कर सकते तो उसे गिरवा दो या बंद कर दो. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की सुरक्षा को लेकर किेए जा रहे उपायों को लेकर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को सुस्त बताया.

एफिल टॉवर से ज्यादा खुबसूरत ताज:

सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल को एफ़िल टॉवर से ज्यादा सुंदर बताते हुए कहा कि एफ़िल टॉवर को देखने 80 मिलियन लोग आते है, जबकि ताजमहल के लिए मिलियन. आप लोग ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं है और न ही आपको इसकी परवाह है. हमारा ताज ज्यादा खूबसूरत है और आप टूरिस्ट को लेकर गंभीर नहीं है. ये देश का नुकसान है, ताजमहल को लेकर घोर उदासीनता है.

ताज से दूर होगी विदेशी मुद्रा की परेशानी:

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर ध्‍यान रखा जाता तो हमारी विदेशी मुद्रा की दिक्कत दूर हो जाती. सुप्रीम कोर्ट ने फिर सवाल उठाया कि टीटीजेड (ताज ट्रैपेज़ियम जोन) एरिया में उद्योग लगाने के लिए लोग आवेदन कर रहे है और उनके आवेदन पर विचार हो रहा है. ये आदेशों का उल्लंघन है.

ताजमहल में नमाज पढ़ने पढ़ने की लगाई रोक:

बता दें कि दो दिन पहले भी उच्चतम न्यायालय ने ताजमहल में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि ताजमहल दुनिया के सातवें अजूबों में से एक है.

इसलिए यह ध्यान रखना होगा कि ताजमहल के परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यहां कई और जगहें हैं जहां नमाज पढ़ी जा सकती है फिर ताजमहल परिसर ही क्यों?

ताजमहल परिसर में बाहरी लोग नहीं पढ़ सकते नमाज़- सुप्रीम कोर्ट

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