संस्कृति हत्याकांड के मास्टरमाइंड भूरे को एसटीएफ ने लुधियाना से गिरफ्तार किया
Sudhir Kumar
STF Arrested Mastermind Bhure from Ludhiana for Polytechnic Student Sanskriti Murder Case
राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित पॉलिटेक्निक छात्रा संस्कृति राय की निर्मम हत्या में शामिल मास्टर माइंड भूरे उर्फ लंबू को एसटीएफ ने पंजाब के लुधियाना से दबोच लिया है। आरोपित को ट्रेस करने के लिए उसके मोबाइल को सर्विलांस पर रखा गया था। वह अपनी पहचान छिपाने के लिए लुधियाना की एक फैक्ट्री में मजदूरी कर रहा था। एसटीएफ उसे गिरफ्तार कर लखनऊ लाई और गाजीपुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। जबकि छात्रा की हत्या में शामिल अन्य दो आरोपित पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, गाजीपुर इलाके में स्थित पॉलिटेक्निक छात्रा की कुछ लोगों ने मड़ियांव के आईआईएम रोड पर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में गाजीपुर पुलिस ने दो आरोपित राजेश रैदास व राकेश प्रजापति को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। दोनों आरोपितों ने पूछताछ में घटना का मास्टरमाइंड सीतापुर निवासी भूरे उर्फ लंबू को बताया था। भूरे की तलाश में कई जिलों में छापेमारी की जा रही थी। उसकी गिरफ्तारी न होने पर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने उसपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। इसी दौरान एसटीएफ को काफी समय से लुधियाना में भूरे की छिपे होने की सूचना मिल रही थी। इसी आधार पर एसटीएफ ने वहां डेरा डाल लिया। काफी मशक्कत के बाद भूरे को एक फैक्ट्री के पास से घेराबंदी कर दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि संस्कृति को उसने पॉलिटेक्निक चौराहे से अगवा किया था। इसके बाद लूटपाट कर उसकी हत्या कर दी थी। घटना के बाद से ही वह लुधियाना में छिपा बैठा था।
गौरतलब है कि बलिया जिला के फेफना इलाके के भगवानपुर गांव के रहने वाले वकील उमेश कुमार राय छोटी बेटी संस्कृति राय (17) लखनऊ में पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेकेंड ईयर में पढ़ती थी। फर्स्ट ईयर में वो हॉस्टल में रही थी, लेकिन सेकेंड ईयर में उसे हॉस्टल नहीं मिला तो वह इंदिरानगर सेक्टर-19 में राजेंद्र अरोड़ा के मकान में किराए पर रहने लगी। 5 जून को संस्कृति भावनगर अपने घर गई थी। 7 जून को उसका प्रैक्टिकल होना था, लेकिन वो 6 जून को ही लखनऊ पहुंच गई थी। परीक्षाएं खत्म होने के बाद संस्कृति 21 जून रात अपने घर जाने वाली थी।
उसने अपनी मां नीलम को फोन करके कहा था कि वो घर आ रही है। इसके लिए उसे बादशाहनगर से ट्रेन पकड़नी थी। उसके साथ उसकी चंदौली की रहने वाली दोस्त पुष्पांजलि को भी जाना था। लेकिन संस्कृति स्टेशन पर नहीं पहुंची। पुष्पांजलि ने संस्कृति को फोन किया तो उसका फोन बंद था। इसके बाद पुष्पांजलि ने एक और सहेली को फोन कर बताया कि संस्कृति स्टेशन पर भी नहीं आई है और उसका फोन भी बंद है। उस सहेली ने संस्कृति के पिता उमेश कुमार को रात के 9:52 बजे फोन किया। परेशान पिता ने लखनऊ में रहने वाले एक रिश्तेदार को फोन किया और पूरी बात बताई। इसके बाद रात में ही वो रिश्तेदार गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर सुजीत राय के पास पहुंचा। गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर ने संस्कृति के पिता उमेश से बात की और अनहोनी की आशंका जताई।
अगले दिन 22 जून की दोपहर करीब 12:00 बजे घैला गांव की रहने वाली एक महिला प्रेमा ने झाड़ियों में एक लड़की को गंभीर हालत में देखा। उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे ट्रॉमा सेंटर लेकर गई। ट्रॉमा सेंटर में पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लड़की के पास मोबाइल, पर्स या कोई ऐसे कागजात नहीं थे, जिससे पुलिस उसकी पहचान कर पाती। इसके बाद पुलिस ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। गाजीपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुजीत राय ने उस लड़की की शिनाख्त बलिया के फेफना के रहने वाले संस्कृति राय के तौर पर की थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आस-पास खून के छीटें पड़े थे और ऐसा लग रहा था कि संस्कृति ने खुद के बचाव के लिए खूब संघर्ष किया था।