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बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का मूल मंत्र है सपा-बसपा गठबंधन- शिवपाल

shivpal yadav statement

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2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी में सब कुछ पहले की तरह ठीक होता दिखाई दे रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच दूरियां राज्य सभा चुनावों के समय से काफी कम हुई हैं जिसका कारण है कि चुनावों में शिवपाल ने पाला नहीं बदला और सपा प्रत्याशी को अपना वोट दिया था जिससे अखिलेश यादव काफी खुश हैं। सपा से निकाले गए बाहुबली विजय मिश्र से शिवपाल यादव ने मुलाकात की। इसके बाद जिले के सपा नेताओं ने शिवपाल का कार्यक्रम में स्वागत नहीं किया जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।

विजय मिश्र से मिले शिवपाल :

2019 के लोकसभा चुनाव के पहले अखिलेश यादव पारिवारिक और पार्टी की कलह को खत्म कर देना चाहते हैं। यही वजह है कि अखिलेश के चाचा और पूरा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को महासचिव का पद देने की चर्चा जोरों पर है। इन खबरों के बाद भी शिवपाल का अपना दबदबा कायम है। इस बीच वे उस नेता से मिलने उसके घर पहुंचे जिसे अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाला हुआ था। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव पूर्वांचल के भदोही और उसके बाद मिर्जापुर पहुंचे। समाजवादी पार्टी में अलग-थलग पड़ जाने के बाद उनके साथ ज्यादा लोग नहीं थे।

भदोही जाते ही शिवपाल यादव सपा से निकाले गए ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा के घर पहुंचे। यहाँ उन्होंने विजय मिश्रा के साथ खाना खाया। यहां जिले के सपा नेता उनसे दूर नजर आये। न किसी ने उनका स्वागत किया और न कोई उनसे मिलने पहुँचा। इस मुद्दे पर सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि हम लोग कोऑपरेटिव के डायरेक्टर के चुनाव में व्यस्त होने के चलते उनसे नहीं मिल सके।

 

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शिवपाल ने दिया बयान :

सपा के कद्दावर नेता शिवपाल यादव ने कहा कि मैं पार्टी में हाशिए पर नही हूं। 40 वर्ष से नेताजी के साथ पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं। स्थानीय जिला इकाई के सपा के एक भी पदाधिकारी की ओर से स्वागत में नहीं पहुंचने के सवाल पर कहा कि समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों के लिए प्रोटोकाल नहीं होने से कोई पदाधिकारी नहीं आया। इसके आगे उन्होंने कहा कि वह एक निजी कार्यक्रम में आए हैं। हालाँकि अखिलेश यादव से संबंध के सवाल पर उन्होंने कुछ भी बोलने मना कर दिया। इससे कयास लग रहे हैं कि चाचा-भतीजा के बीच फिर से कोई नया घमासान छिड़ने की उम्मीदें हैं।

 

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