उत्तर प्रदेश में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों की सक्रियता तेज हो गयी है, और राज्य में होने वाले चुनावों की सुगबुगाहट गुंजने लगी है।
प्रदेश के विधानसभा चुनावों की अहमियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि चुनाव से 1 साल पहले ही बसपा ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर दियें हैं और सत्तारूढ़ दल सपा ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इन सब के बीच 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुई भाजपा भी प्रदेश में होने वाले चुनावों में जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा कराये गये एक आन्तरिक सर्वे के मुताबिक भाजपा के लिए चुनावों में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के चेहरे के साथ उतरना बेहतर रहेगा। क्योकि यहां उसका मुकाबला सपा और बसपा से होगा। RSS के सर्वे के मुताबिक सर्वे में शामिल 70 प्रतिशत लोगों ने भाजपा के चर्चित युवा चेहरे वरूण गांधी को बतौर मुख्यमंत्री अपनी पहली पसन्द बताया है। जबकि महज 10 फीसदी लोगों ने ही केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर अपनी पसन्द बनाया है। अमेठी से राहुल गांधी से चुनाव हारने के बाद केन्द्र सरकार में मंत्री बनाई गयी स्मृति ईरानी इस दौड में बहुत पीछ रह गईं। और लोगों ने भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर सुल्तानपुर से लोकसभा सांसद वरूण गांधी को अपनी पहली पसन्द बताया है।
भाजपा लम्बे अरसे से प्रदेश की सत्ता से दूर रही है, पर 2014 के लोकसभा चुनावों में अपने दम पर 80 में से 71 सीटें जीतने के बाद भाजपा अपनी सभी सम्भावनाएं तलाश रही है। पिछले दिनों ही प्रदेश में चल रहे भाजयुमों के अधिवेशन में पार्टि के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 2017 चुनावों में पूर्म बहुमत की सरकार बनाने का संकल्प लिया था।