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पुलिस की छापेमारी पर महिला ने फोन कर कहा- यूपी से ‘कुड़कुड़े’ आये हैं

Bawaria gang robbers ssp deepak kumar DGP OP Singh

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राजधानी के तीन थाना क्षेत्र में 5 दिन में 13 घरों में पड़ी डकैती और दो युवकों की हत्या करके फरार डकैतों की गिरफ्तारी में पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल छापामारी शुरू होते ही राजस्थान में घरवालों ने कॉल करके सांकेतिक भाषा में बता दिया कि यूपी से कुड़कुड़े यानी पुलिस आई है। इस बीच पुलिस में फरार डकैतों से फोन पर संपर्क बनाए। उनके करीबी रिश्तेदारों को हिरासत में लिया और डकैतों के ठिकानों को पता लगाकर दबिश दे रही है।

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पुलिस ने करीब 15000 मोबाइल नंबरों पर कॉल डिटेल खंगालने के बाद सर्विलांस सेल ने ट्रेस किया कि चिनहट, काकोरी और मलिहाबाद इलाके के 13 घरों में डकैती दो युवकों की हत्या करने वाला बावरिया गैंग राजस्थान के झुंझुनू का है। सुराग मिलते ही एसएसपी ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से अपराधियों की धरपकड़ में अव्वल रहे इस्पेक्टरों और दरोगाओं की तीन टीमें राजस्थान के लिए रवाना की।

राजस्थान पुलिस की मदद से गुपचुप तरीके से लोकेशन ट्रेस करने के साथ डकैतों के परिजनों का पता लगाया गया और छापामारी शुरू की गई। घरों में महिलाएं बच्चे वह बुजुर्ग थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि एक महिला ने अपने पति को कॉल करके सांकेतिक भाषा में कहा कि यूपी से कुड़कुड़े आए हैं। टीम ने एक महिला समेत छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। खुलासा हुआ एक सांकेतिक भाषा में पुलिस को कुड़कुड़े कहते हैं।

सही ठिकाने पर पहुंची टीम ने उच्च अधिकारियों को जानकारी दी और हिरासत में लिए गए लोगों से उनके ठिकाने मालूम करके विभिन्न स्थानों पर दबिश दी। राजस्थान के झुंझुनू से आए डकैतों की कानपुर, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद समेत विभिन्न स्थानों पर रिश्तेदारी का पता चला है। कॉल डिटेल के आधार पर तैयार करके संबंधित जिलों की पुलिस की मदद से उनके डेरों पर रिश्तेदारों से पूछताछ की गई।

इसके अलावा मलिहाबाद इलाके में काफी समय से राजस्थान के परिवारों की तहकीकात की जा रही है। सूत्रों ने जानकारी दी कि हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल से WhatsApp पर चैटिंग करके उनका लोकेशन ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बदमाशों द्वारा एक मोबाइल फोन में सिम कार्ड बदलने की पुष्टि हुई है। घरवालों रिश्तेदारों पर दबाव बनाने के साथ मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर सर्विलांस पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस को पता चला है कि बदमाश व्हाट्सएप्प ग्रुप पर आपस में बातचीत करते थे। वह लक्जरी कारों से आकर वारदातों को अंजाम देकर चले जाते थे। इस दौरान उनके परिवार के लोग उनके व्हाट्सएप्प पर उनका हालचाल लिया करते थे।

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