उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में उस समय सनसनी फैल गई जब थाना गोवर्धन क्षेत्र के आन्यौर स्थित गोविंद कुंड परिक्रमा मार्ग के पास कई बंदरों के शव पड़े हुए मिले। यह दृश्य देखकर स्थानीय लोग भड़क उठे और बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों ने एक विदेशी नागरिक पर बंदरों की हत्या का गंभीर आरोप लगाया है।
बंदरों की हत्या
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों का कहना है कि एयर गन से दर्जनों बंदरों की हत्या की गई है। इसी आरोप में पुलिस ने एक विदेशी नागरिक को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि एक घायल बंदर के सिर से डॉक्टरों ने एयर बुलेट निकाली, जिससे यह पुष्टि होती है कि बंदरों को एयर गन से निशाना बनाया गया।
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घटना की सूचना मिलते ही एसपी देहात त्रिगुन विशेन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि कई बंदरों के शव बरामद हुए हैं जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा, “एक विदेशी नागरिक के खिलाफ बंदरों की हत्या का आरोप है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश का माहौल है और वे दोषी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से बंदरों को पवित्र माना जाता है और इस तरह की घटना से भावनाएं आहत हुई हैं।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
1. धार्मिक और सांस्कृतिक भावना का उल्लंघन
मथुरा जैसे धार्मिक स्थल पर बंदरों की हत्या केवल एक आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि हिंदू आस्था के प्रति गहरी चोट है। बंदरों को हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है और उन्हें भोजन कराना, उनकी रक्षा करना भक्तों की नैतिक जिम्मेदारी मानी जाती है। इस संदर्भ में, यह घटना श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए अत्यंत पीड़ादायक है।
2. बंदरों की हत्या : वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन
भारत में बंदर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित जीव हैं। उनकी हत्या स्पष्ट रूप से इस कानून का उल्लंघन है। यदि किसी विदेशी नागरिक द्वारा यह कृत्य जानबूझकर किया गया है, तो यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विदेशी नागरिकों की जिम्मेदारियों को लेकर भी सवाल उठाता है।
3. विदेशी पर्यटकों का आचरण और जवाबदेही
भारत में हजारों विदेशी पर्यटक धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों की यात्रा करते हैं। हालांकि अधिकतर पर्यटक भारतीय संस्कृति का सम्मान करते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा गैर-जिम्मेदाराना और अवैध आचरण स्थानीय जनता की सहिष्णुता और अतिथि सत्कार की भावना को ठेस पहुंचाता है। इस घटना ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाया है कि विदेशियों की निगरानी और जागरूकता पर ठोस नीति की जरूरत है।
4. स्थानीय प्रशासन की चुनौतियां
घटनास्थल पर लोगों की भीड़ और बढ़ता आक्रोश पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है। धार्मिक और भावनात्मक रूप से जुड़ी घटनाओं में किसी भी लापरवाही से सामाजिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। ऐसी स्थिति में संवेदनशीलता और शीघ्र न्यायिक प्रक्रिया दोनों अनिवार्य हो जाती हैं।