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जेलों के भीतर धड़ल्ले से मोबाइल इस्तेमाल कर रहे माफिया-अपराधी, पुलिस एसटीएफ सब बेबस

Mafia-Criminal Using Mobile Phones in UP jails

Mafia-Criminal Using Mobile Phones in UP jails

राजधानी लखनऊ के गोमती नगर के रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अतीक के इशारे पर अगवा करके देवरिया जेल में यातनाएं देने की पड़ताल में जेल में माफियाराज की खौफनाक हकीकत सामने आने लगी है। इसके साथ उस अमले का बेबस चेहरा भी सामने आने लगा है जिस पर ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की जिम्मेदारी है। उत्तर प्रदेश की जेलों के भीतर बंद कैदी धड़ल्ले से मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह सब जेल प्रशासन के संरक्षण में चल रहा है। यह हम नहीं बल्कि पिछले दिनों बस्ती जेल के भीतर बंद कुछ कैदियों ने फोटो फेसबुक पर पोस्ट की, इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ था। कैदियों की सेल्फी इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। अब पुलिस की जांच में सामने आया कि अतीक सहित कई माफिया जेलों में धड़ल्ले से मोबाईल का प्रयोग कर रहे हैं।

जेलों में सब कुछ ठीक-ठाक है तो अपराधी जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं? पुलिस और एसटीएफ इन की बातचीत पर कान लगाए रहती है लेकिन न तो अपराधियों पर नकेल कसा जा सका और ना ही नेटवर्क ध्वस्त कर पा रहे हैं। कृष्णा नगर कोतवाली में मोहित जायसवाल की प्राथमिकी दर्ज होते ही देवरिया जेल में बंद अतीक को भनक लग गई थी। जिला मजिस्ट्रेट ने दल बल के साथ जेल में छापा मारा। दस्तावेज में अतीक से मुलाकात करने वालों में सिर्फ मोहित व सिद्दीकी के नाम दर्ज थे। सीसीटीवी कैमरे में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई। लेकिन अनेक लोगों का आना-जाना जेल प्रशासन छिपा नहीं पाया। यातनाओं का शिकार मोहित ने अतीक के वार्तालाप की रिकॉर्डिंग पुलिस सौंपी, उसकी लोकेशन देवरिया जेल थी। कॉल डिटेल खंगालने पर और भी जानकारियां उजागर हुई।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जेलों में छापे से पहले गायब हो जाते हैं मोबाईल?[/penci_blockquote]
जेल में आला अफसरों की छापेमारी और तलाशी अभियान की माफिया को पहले से भी भनक लग जाती है। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से जेल परिसर का लोकेशन बताने वाले मोबाइल फोन तलाशी लेने वालों को ढूंढे नहीं मिलते। माफिया पर नकेल कसने और नेटवर्क ध्वस्त करने में पुलिस व अन्य एजेंसियां बेबस नजर आती हैं। वही जेल से पेशी पर लाए जाने पर गुर्गे घेरे में रहते हैं। संरक्षण प्राप्त करने वालों से मुलाकात कराने के साथ मोटी डील की जाती है। राजधानी के श्रवण साहू हत्याकांड में जेल में बंद अकील अंसारी द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा सीरियल किलर सलीम, रुस्तम, सोहराब द्वारा जेल में मोबाइल का इस्तेमाल करके अनेक वारदात अंजाम दिलाई गई।

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