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लोहिया अस्पताल में दो घंटे ठप रहा कामकाज, मरीज हुए परेशान

Lohia Hospital Employee Stopped Services for Two Hours Patients Upset

Lohia Hospital Employee Stopped Services for Two Hours Patients Upset

राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर इलाके में स्थित लोहिया अस्पताल में सोमवार को मरीजों को खासी दुश्वारियां झेलनी पड़ी। लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने सुबह आठ से 10 बजे तक कार्यबहिष्कार किया। इस दौरान न तो पर्चे बने और न ही दूसरे काम हुए। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा।लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय हो रहा है। इसकी प्रक्रिया आखिरीदौर में है। नियमित व संविदा कर्मचारी विलय का मसला साफ नहीं है। कर्मचारी पूर्णकालिक प्रतिनियुक्त की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी न होने पर कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा है। बीते कई दिनों से सांकेतिक विरोध करने के बाद सोमवार को कर्मचारियों ने दो घंटे काम ठप कर दिया। उन्होंने कहा कि अभी इमरजेंसी सेवाएं ठप नहीं की जाएगी। पर, दो फरवरी के बाद पूरी तरह से सेवाएं ठप की जाएंगी। बता दें कि शनिवार और रविवार को अवकाश के बाद सोमवार को अस्पताल खुला। सामान्य दिनों की ओपीडी में सात से आठ हजार मरीज आते हैं। सबसे ज्यादा दबाव मरीजों का सुबह ही रहता है। दूर-दराज से मरीज आते हैं। दो घंटे काम ठप होने से मरीजों को खासी दुश्वारियां झेलनी पड़ी।

लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने सोमवार को लोहिया का अस्तित्व बचाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि 20 साल के दौरान लोहिया अस्पताल ने तमाम शोहरत हासिल की, कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत कर मरीजों की सेवा की। यही वजह है कि प्रदेश ही नहीं बल्कि नेपाल जैसे देश से भी बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल आकर इलाज करा रहे हैं। बीते सालों के दौरान अस्पताल में कई नई योजनाएं शुरू कर मरीजों को बेहतर इलाज दिया। कर्मचारियों का अस्तित्व खतरे में लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष देश दीपक त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों पैरामेडिकल, नर्सिंग, लिपिक और चतुर्थ श्रेणी (आउटसोर्सिंग) के कर्मचारियों के बारे में आज तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई सही निर्णय नहीं लिया गया है। विलय के बाद 79 कर्मचारियों के समायोजन पर पेंच फंसा हुआ है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]चिकित्सा शिक्षा विभाग में किया जाएगा समायोजित [/penci_blockquote]
इन कर्मचारियों को 31 मार्च 2020 तक चिकित्सा शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाएगा। उसके बाद फिर से हेल्थ में वापस कर दिया जाएगा। ऐसे में उनकी नियुक्ति दूर-दराज के क्षेत्रों में भी की जा सकती है। विलय के बाद 79 कर्मचारियों के समायोजन पर पेंच फंसा हुआ है। इन कर्मचारियों को 31 मार्च 2020 तक चिकित्सा शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाएगा। उसके बाद फिर से हेल्थ में वापस कर दिया जाएगा। ऐसे में उनकी नियुक्ति दूर-दराज के क्षेत्रों में भी की जा सकती है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]घंटों खड़े रहे मरीज और तीमारदार[/penci_blockquote]
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि समायोजन स्थायी किया जाए। कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने पर दो फरवरी से इमरजेंसी सहित सभी सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी है। बस्ती की रहने वाली श्यामवती को लीवर में दिक्कत है डॉक्टर ने उनको जांच के लिए लोहिया अस्पताल भेजा। उनके परिजनों के मुताबिक वह सुबह 7:00 बजे यहां आ गई सोचा था जल्दी जांच करवा कर निकल जाएंगे लेकिन यहां हड़ताल के कारण वह करीब 2:30 से 3 घंटा खड़ी रही। आजमगढ़ की अंजू मौर्य को पेट में दर्द था वो इलाज के लिए लोहिया आई थी। हड़ताल और दर्द ज्यादा होने के कारण वो प्राईवेट अस्पताल चली गईं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]दो फरवरी को एमरजेंसी सेवाएं भी ठप करने की चेतावनी[/penci_blockquote]
जानकारी के अनुसार, सुबह आठ से 10 बजे तक कर्मचारी अस्पताल की सभी सेवाएं ठप रही। लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाव मोर्चा के उपाध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि विलय के बाद कर्मचारियों को 2020 तक प्रतिनियुक्त पर रखने की साजिश की जा रही है। उसके बाद कर्मचारी कहां जाएंगे? इसका जिक्र कहीं नहीं है। अफसर साजिशन कर्मचारियों के भविष्य से खेल रहे हैं। अफसरों की साजिश को नाकाम कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो दो फरवरी को पूरी तरह से कामकाज ठप कर दिया जाएगा। इसमें इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्या कहते हैं जिम्मेदार[/penci_blockquote]
इस संबंध में निदेशक लोहिया अस्पताल डॉ. डीएस नेगी ने कहा कि लोहिया चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारियों के लोहिया संस्थान में प्रतिनियुक्ति को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अस्पताल कर्मचारी पूर्व की तरह काम करते रहेंगे। नए सिरे से आंकलन कर कर्मचारियों के अतिरिक्त पद सृजित कराने की कार्यवाही की जायेगी। वर्तमान में कार्य कर रहे समस्त कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जायेगा। इस प्रकार अधिकांश कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति पर लोहिया संस्थान में नियमानुसार तैनाती सुनिश्चित कर ली जायेगी। इसलिए आंदोलन का अब कोई कारण एवं आधार नहीं बचा है। आंदोलन की घोषणा वापस लेकर जनहित और मरीज के हित में काम करें।

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