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बिजली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे किसान

bundelkhand Farmers on indefinite hunger strike demand electricity

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यूपी और बुन्देलखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में जल संकट के बाद अब विद्युत संकट भी ग्रामीणों की परेशानी का सबब बन चुका है. आलम यह ही कि अब क्षेत्र के किसान विद्युतीकरण के काम को पूरा करवाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गये है.

यूपी-बुन्देलखंड के सीमावर्ती गाँवों में नहीं है बिजली:

बुन्देलखण्ड किसान विकास समिति एवं पाठा के आधा सैकडा किसानों के साथ जिला पंचायत सदस्य अनिल प्रधान अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गये हैं। क्षेत्र को बिजली समस्या से परेशान होकर किसानों ने आज से अनशन की शुरुआत की है. पाठा के आधा दर्जन ग्राम पंचायतो के एक दर्जन गांवों में विद्युतीकरण का कार्य तत्काल शुरू कराने की मांग को लेकर किसान अनशन कर रहे हैं.

इन गाँवों में नहीं है बिजली:

ग्राम पंचायत खम्हरिया के विभिन्न मजरों ग्राम नौबस्ता पुरवा, कोढन पुरवा, कुहाई, कोल्हुआ माफी एवं रामपुर तरौहां ग्राम पंचायत के सिंगरौली पुरवा, मंनगवा ग्राम पंचायत के मोंटवन, छिवलहा, बमबिहा ग्राम पंचायत के बम्बीहामवान, बंबिहा, कुसमुही, मड़ैयन ग्राम पंचायत के मैनहा, सेमरदहा ग्राम पंचायत के टेकारी गांव में विद्युतीकरण का कार्य तत्काल पूरा कराए जाने की मांग ।

एक हफ्ते पहले दी थी किसानों ने चेतावनी:

गौरतलब है कि इससे पहले जनपद में बुन्देलखण्ड किसान विकास समिति के बैनर तले कलेक्ट्रेट भवन के सामने बिजली की समस्या को लेकर क्षेत्रीय किसानों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक सप्ताह के अंदर विद्युतीकरण के मुद्दे पर सार्थक पहल न होने पर अनशन करने की धमकी दी थी। जिसके बाद समस्या का समाधान ना निकाले जाने के बाद किसान अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गये है.

ग्रामीण कई बार कर चुके विद्युतीकरण की मांग:

बता दें कि जहाँ सरकार हर गाँव में बिजली पहुँचाने का दांवा करने के साथ ही 24 घंटे बिजली देने का नया लक्ष्य बना रही है, वहीं बुन्देलखंड में अभी भी कई ऐसे गाँव हैं जहाँ आजादी के  71 वर्ष बाद भी बिजली की व्यवस्था नहीं हैं.

ग्राम पंचायत खंभरिहा के विभिन्न मजरों में कई साल पहले राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से विद्युतीकरण हो चुका है। इन मजरों को फिर से विद्युतीकरण की सूची में रखकर काम किया जा रहा है। जबकि लगातार मांग के बावजूद आज तक विद्युतीकरण नही हुआ है।

रोडवेज संविदा कर्मी अपनी मांगों को लेकर कर रहे धरना-प्रदर्शन

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