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मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर योगी के मंत्रियों की अलग है राय

different opinions of yogi ministers madrasa dress-code

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जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने बीते दिन मदरसों में पढ़ने वालों छात्रों के लिए कुर्ता पायजामे पर प्रतिबन्ध लगाते हुए पेंट शर्ट लागू किया है, तो अब योगी के कैबिनेट मंत्री ने इससे इतर बयान जारी कर कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव जारी नहीं किया गया. 

कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने ड्रेस कोड को नकारा:

प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर मोहसीन रजा से उल्ट ब्यान दिया . उन्होंने कहा कि मदरसों में किसी भी तरह का ड्रेस कोड लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

मोहसिन रजा के बयान के बाद जब मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण से बजट को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ़ कहा कि ड्रेस कोड को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, इसलिए इसके बजट को लेकर भी सवाल नहीं बनता.

उन्होंनेक कहा कि किसी के खाने पर और कपड़े पहनने पर कोई पाबंदी नहीं होती है. ड्रेस कोड अगर मदरसे लागू करें तो यह उनकी इच्छा है

राज्य मंत्री मोहसीन रजा ने किया था ऐलान:

यूपी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने मदरसों में कॉमन ड्रेस कोड को लेकर मंगलवार को बयान जारी किया था। मोहसिन रजा ने कहा था कि मदरसों के बच्चों को भी मुख्यधारा से जोड़ना है, इसीलिए एनसीईआरटी की किताबें लागू की गईं।

धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ अब मदरसे के बच्चे सामाजिक शिक्षा भी हासिल करेंगे। उनका कहना है कि ड्रेस कोड से बच्चों के अंदर भी कॉन्फिडेंस आएगा और वे खुद को बाकी स्टूडेंट्स जैसा ही समझेंगे और बराबर महसूस करेंगे।

ड्रेस कोड को लेकर विवाद शुरू:

मंत्री मोहसिन रजा के मदरसों के लिए ड्रेस कोड की वकालत को लेकर विवाद शुरू हो गया है। यूपी के कई मौलवियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मदरसों में ड्रेस कोड तय करना संस्थान कमिटी का काम है न कि सरकार का।

मदरसा दारूल उलूम फिरंगी महल ने मोहसिन रजा के बयान का विरोध किया है। मौलवी मोहम्मद हारून ने भी कहा, ‘मदरसों के लिए क्या अच्छा है क्या नहीं यह हम पर छोड़ देना चाहिए, वैसे भी बमुश्किल 1-2 फीसदी बच्चे ही यहां पढ़ने आते हैं। सरकार को इसके लिए चिंतित नहीं होना चाहिए।’

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