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उन्नाव: शहीद अरविंद विमल का हुआ अंतिम संस्कार, घर में मातम

BSF Jawan martyr Arvind Vimal cremated in unnao

देश की सेवा करते-करते अपने प्राणों की आहुति देने के बाद जैसे ही उन्नाव जिला में रहने वाले शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव में पहुंचा तो पूरे गांव में मातम की लहर दौड़ गई। गांव के लोग शहीद की एक झलक पाने के बेताब थे। हजारों की संख्या में लोग घरों में छतों के ऊपर से अंतिम संस्कार के दौरान शहीद को देखने को बेताब थे। जहां घरवालों का अपने लाल को खोकर रो-रोकर बुरा हाल था वहीं ग्रामीण भी आंसू बहा रहे थे। अंतिम यात्रा के दौरान ग्रामीण शहीद के पार्थिव शरीर पर फूलों की बारिश कर रहे थे साथ ही भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे थे। शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

अगले पेज पर देखें अंतिम यात्रा का वीडियो…

पश्चिम बंगाल में तैनात थे अरविंद विमल

बता दें कि उन्नाव के आसीवन थाना क्षेत्र के रसूलाबाद के रहने वाले शहीद जवान अरविंद विमल (26) पुत्र सुरेश विमल बीएसएफ में तैनात थे। अरविंद के 5 भाइयों धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, अरविंद, चन्द्रशेखर, पवन में तीसरे नंबर पर था। जिनमें से 2 की शादी हो गई थी जबकि शहीद जवान की शादी अगले महीने में होने वाली थी। वह साल 2011 में वह बीएसएफ में भर्ती हुए थे और त्तकाल में पश्चिम बंगाल के कूच विहार मे हेडकांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे। घरवालों ने बताया कि बुधवार रात 2 बजे खाना खाने के बाद वह ड्यूटी पर जा रहा था। इसी बीच नक्सलियों ने उनपर हमला कर दिया और मुठभेड़ में अरविंद शहीद हो गए। देर रात जब गश्त पर निकले गश्ती दल की निगाह उनपर पड़ी तो देखा की अरविंद को गोली लगी थी और वह शहीद हो गए थे।

शहीद के पिता 20 साल से लापता

परिवार वालों के मुताबिक, बुधवार को 5:30 मिनट पर बात हुयी थी। गुरुवार सुबह 6:00 बजे अरविंद की शहीद होने के सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया। एक तरफ जहां मां रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी तो दूसरे तरफ भाईयों को कुछ बोला नहीं जा रहा था। अरविंद की शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके घर पर पूरा गांव इकट्ठा हो गया। 20 साल पहले उनके पिता सुरेश कुमार कहीं चले गए थे और तब से आज तक लापता हैं ।शहीद अरविंद की शादी तय हो गई थी और वह 1 फरवरी को घर आने वाले थे। उनके आने की खुशी में मां ने घर पर जागरण का प्रोग्राम रखा था। लेकिन उनके शहीद होने की खबर मिलते ही पूरा परिवार गम में डूबा गया। सूचना पाकर उप जिलाधिकारी क्षेत्राधिकारी ने शहीद परिवार के बीच पहुंचकर उन्हें ढांढस बंधाया।

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