Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म की लगातार डीजीपी मुख्यालय स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है

Prashant Kumar, ADG Law & Order UP

Prashant Kumar, ADG Law & Order UP

सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म की लगातार डीजीपी मुख्यालय स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है

यूपी के एडीजी लां एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान :

सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म की लगातार डीजीपी मुख्यालय स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है।

पिछले 1 साल में 1107 मुक़दमें दर्ज किए गए,गलत ट्वीट अफवाह फैलाने के लिए।

सम्परादायिक, जातीयगत सदभाव बिगाड़ने की कोशिश के है। जो संवेदनशील जनपद है वहा अधिक पोस्ट किए गए है।

इनकी लगातार मॉनिटरिंग कर कार्यवाही से कई घटनाओं को बड़ी होने से रोका गया।

दोषियों के विरुद्घ कार्यवाही की गई है।

गाजियाबाद मामले पर एडीजी लां एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान:

ये समपरायदायिक रंग नही है दो पक्षो का विवाद है । पुलिस ने पहले ही कार्यवाही की है इसमे। पुलिस द्वारा ये स्पष्ठ भी किया गया था। ट्वीट और वीडियो फुटेज और विज्ञप्ति जारी कर। बावजूद इसके कुछ लोगो ने माहौल खराब करने की नीयत से गलत प्रचार प्रसारित कर रहे थे। पुलिस ने उनके खिलाफ अनुकूल धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। आगे विधिक कार्यवाही की जा रही है।

ट्विटर को लेकर एडीजी लां एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान :

सुसंगत धाराओं में जो विधिक कार्यवाही है उसमे अब नोटिस जारी कर पुछताछ की जाएंगी ,कानूनी प्रक्रिया के तहत जो विधिक कार्यवाही है वो ट्विटर के खिलाफ की जाएंगी।

रोहंगिया को लेकर प्रशांत कुमार का बयान —

जो विदेशी नागरिक है उनके विरुद्ध अभियान लगातार जारी रहेगा। क्योंकि इनका यहां रहना गैरकानूनी है। ये लोग विभिन्न योजनाओं का लाभ भी ले रहे है गलत अपनी पहचान बताकर। लिहाजा इनके विरुद्ध कार्यवाही जारी रहेगी।

Related posts

प्रतापगढ़ में युवती से गैंगरेप के बाद हत्या: शासन ने एसपी को किया निलंबित

Sudhir Kumar
7 years ago

अखिलेश यादव मेरठ और हापुड़ में कुल 6 जनसभाओं को करेंगे संबोधित!

Divyang Dixit
8 years ago

बार एसोसिएसन के अध्यक्ष पर केस का मामला, सचिव समेत दर्जनों अधिवक्ताओं पर मुकदमे, अधिवक्ताओं ने मुकदमे का किया विरोध, दीवानी में 3 दिन तक प्रवेश न करने का ऐलान, सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ है मुकदमा।

Ashutosh Srivastava
7 years ago
Exit mobile version