समाजवादी परिवार में चल रही कलह ने एक बड़ा रूप लेते हुए अब पार्टी को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कल शाम अपने आवास में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के इस फैसले के बाद भी अखिलेश मुलायम पर भारी हैं।
आकड़ों से समझिये कैसे मुलायम के फैसले पर भारी हैं अखिलेश
- सपा में चल रही पारिवारिक कलह के चलते अब पार्टी को दो हिस्सों में विभाजित हो गई है।
- यही नही सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह ने कल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलाश यादव और रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित करने का ऐलान भी कर दिया।
- लेकिन इन आकड़ों पर गौर करें तो सपा सुप्रीमों के इस ऐलान के बाद भी अखिलेश मुलायम पर भारी पड़ रहे हैं।
- जिसके बाद चाचा शिवपाल सिंह यादव की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं और उन्हें तगड़ा झटका लगाने वाला है।
- बता दें कि उत्तरर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं।
- अखिलेश यादव को बहुमत के लिए सिर्फ 202 सीटों की ही जरूरत है।
- बता दें की अखिलेश यादव के पास फ़िलहाल 200 विधायकों का सपोर्ट है।
- जिसके बाद उन्हें अब सिर्फ 2 सीट और चाहिए होगी।
- कांग्रेस अखिलेश यादव के समर्थन में है।
- बता दें की कांग्रेस के पास यूपी की 28 सीट है।
- अगर अखिलेश को कांग्रेस के 28 विधायकों का समर्थन मिल जाता है।
- तो अखिलेश यादव को सरकार बचाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....