समाजवादी पार्टी में लम्बे समय से चल रहे विवाद पर एक अहम फैसला आज आया है. अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच साइकिल को लेकर मामला चुनाव आयोग तक जा पहुंचा. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
अखिलेश यादव को मिली साइकिल:
- अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच विवाद कई बार की कोशिशों के बाद भी नहीं थमा.
- रामगोपाल यादव के साथ अखिलेश यादव गुट ने चुनाव आयोग में साइकिल पर दावा ठोक दिया.
- मुलायम सिंह यादव ने भी साइकिल और पार्टी को लेकर दावा ठोका.
- चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को हलफनामा दायर करने के लिए कहा था.
- यूपी चुनाव से पहले दोनों गुटों में ये टकराव समर्थकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ था.
- समाजवादी पार्टी के समर्थक खुद को विषम परिस्थितियों में पा रहे थे.
- समर्थकों को समझ नहीं आ रहा था कि किसके साथ रहें, किसके विरोध में.
- पार्टी में घमासान ने यादव परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी थी.
- रामगोपाल यादव शिवपाल यादव और अमर सिंह पर लगातार निशाना साधते रहे.
- लेकिन पूरे प्रकरण में मुलायम सिंह यादव ने सुलह के लिए कदम बढ़ाया लेकिन बात नहीं बनी.
- अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ना चाहते थे.
- अमर सिंह और शिवपाल को बाहर करने की शर्त पर ऐसा करने को अखिलेश तैयार थे.
- जबकि मुलायम सिंह इस पूरे घटनाक्रम के पीछे रामगोपाल यादव को दोषी मान रहे थे.
शतरंज की बिसात पर हर मोहरे ने निभाया रोल:
- राजनीतिक दाव-पेंच का खेल चल रहा था.
- हर कोई अपने मोहरे का इस्तेमाल बखूबी कर रहा था.
- शतरंज की बिसात पर एक-एक मोहरे की कीमत दोनों गुटों को थी.
- पूरे खेल में परिणाम दोनों गुट चाहते थे.
- अंतत: चुनाव आयोग की चौखट पर इस खेल का फैसला हुआ.
- चुनाव आयोग ने अपने फैसले में ये स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश यादव को ही साइकिल मिलेगी.
- यानी कि टीपू ही सुल्तान होंगे और साइकिल की चाबी भी उन्हें ही मिलेगी.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.