व्यंग्यव्यंग: बेपटरी अब रेलKrishnendra RaiOctober 13, 2018 04:56pm by Krishnendra RaiOctober 13, 2018 04:56pm बेपटरी अब रेल । लापरवाही चरम ।। शक हो रहा रेलवे । ना निभाते धरम ।। मुआवज़ा-निलंबन । सुनते केवल कान ।। तरस गयीं आँखें Read more