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वीडियो: मिल गई सुग्रीव जी की गुफा, देखिये अन्दर क्या मिला

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हमारे देश में कई ऐसी जगहें हैं, जो आज भी रामायण युग की कहानी को बयान करती हैं। उन्हीं में से एक धार्मिक स्थल है सुग्रीव गुफा, जो आज पर्यटन स्थल भी बन चुका है। गुमला जिले में पालकोट प्रखंड का प्राचीन नाम पंपापुर है। यह जगह झारखंड, बिहार सहित आसपास के राज्यों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां आज भी प्राचीन पर्वत ऋष्यमुख है। ऋष्यमूक पर्वत पर ही वह कंदरा है, जहाँ राजा बलि से डरकर सुग्रीव छिप गए थे। यह गुफा आज सुग्रीव गुफा के नाम से प्रसिद्द है। साथ ही यहां आज भी कई ऐतिहासिक अवशेष भी मौजूद हैं।

अगले पृष्ठ पर देखिये वीडियो…..

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इस वीडियो में सुग्रीव गुफा को दिखाया गया है। अब यह गुफा पहले से काफी संकरी हो गई है। पहाड़ पर बनी यह गुफा आज भी रामायण काल की कहानी बयान करती है। हालांकि इस वीडियो में गुफा के अंदर अँधेरे के कारण स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन गुफा के अंदर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता मां और हनुमान जी विराजमान हैं।

अगले पेज पर देखिये फोटो:

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रामायण के अनुसार, बाली ने दुंदुभि नाम के राक्षस को मारकर उसका शरीर एक योजन हवा में फेंक दिया था। शरीर के हवा में उड़ते समय राक्षस के खून की कुछ बूदें मातंग ऋषि के आश्रम में गिर गईं थीं। जिससे क्रुद्ध होकर ऋषि ने बाली को श्राप दिया था कि यदि वे कभी ऋष्यमूक पर्वत के एक योजन के करीब आये, तो उनकी मृत्यु हो जाएगी। ये बात सुग्रीव जानते थे, तभी जब बाली ने उन्हें राज्य से निष्कासित किया, तो वे इस पर्वत पर आ गए और अपने मंत्रियों के साथ एक कंदरा में रहने लगे। यहीं पर भगवान श्रीराम से उनके भेंट हुई थी। जिसके बाद श्रीराम ने सुग्रीव की मदद करते हुए बाली का वध किया। तब जाकर सुग्रीव को किष्किंधा का राज्य मिला सका।
Sugriva's cave
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