Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Special News

क्या अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है बच्चों में बढ़ता विडियो गेम्स का क्रेज?

आज की तकनीक और गेमिंग की दुनिया में प्रतिदिन होने वाले नए सुलज्जित बदलावों के चलते गेमिंग उद्योग दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। बाजार में उपलब्ध कई तरह के प्लेटफॉर्म्स जैसे की लैपटॉप, मोबाइल्स और कई तरह के कंसोल्स के मद्देनजर आज वीडियो गेम्स हर किसी की पहुँच में हैं। बेहतर ग्राफ़िक वाले कंप्यूटर, नए कंसोल, और वर्चुअल रिअलिटी हैंडसेट के चलते गेम्स खेलना हर किसी की पसंद बनते जा रहें हैं।
लेकिन वीडियो गेम्स में दिखाए जाने वाले ड्रग्स के इस्तेमाल, नग्नता, हिंसा के चलते ये अभिवावकों की परेशानी का सबब बनी हुयी है। वीडियो गेमिंग में हो रहे अनावश्यक प्रयोग वीडियो गेमिंग उद्योग में प्रतिस्पर्धा के बुरे प्रभावों में से एक है।

vedio game

विडियो गेम्स समय व्यतीत करने का बच्चों और बड़ो का पसंदीदा एवं मनोरंजक साधन है। लेकिन यही आदत बच्चों में हिंसात्मक प्रवत्ति, मोटापे, आँखों की रोशनी कमजोर करने जैसे नकारात्मक प्रभाव डालती है। यह व्यापक रूप से माना जाता है वीडियो गेम्स बच्चों को सामाजिक स्तर पे बुरा प्रभाव डालते हैं। जहां विडियो गेम्स बच्चो में सीखने की प्रक्रिया और अनुसाशन को बढ़ावा देते हैं वहीं उनमें इससे समय की बर्बादी और तनाव, अनिद्रा जैसे शारारिक दुष्प्रभाव होते हैं।

आज हमारे समाज में कंप्यूटर और इलेक्ट्रोनिक उपकरण मनोरंजन का साधन बन गये हैं। ऐसा नहीं है कि वीडियो गेम्स के अधिकांश विषय हिंसा, नरसंहार पर ही आधारित हों। वीडियो गेम्स मस्तिस्क के विकास, रणनीति बनाने की कला और एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं। वीडियो गेम्स बच्चो के मनोंरजन और शिक्षण कौशल में किसी अन्य साधन से बेहतर साबित हो सकते हैं बशर्ते अभिभावक उन्हें इनका सही इस्तेमाल सिखायें।

Related posts

कौन बनेगा IPL 10 का विजेता, मुंबई इंडियंस या पुणे सुपरजाइंट्स!

Namita
8 years ago

VIDEO : अयोध्या नगरी में श्रीराम जन्मोत्सव की मची धूम, दर्शन को पहुंचे लाखों श्रद्धालु

Praveen Singh
7 years ago

इन कंपनियों के LOGO में छुपे हैं ढेर सारे राज़!

Namita
8 years ago
Exit mobile version