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बाहुबली विजय मिश्र ने सीएम योगी के साथ साझा किया मंच

bahubali vijay mishra

bahubali vijay mishra

देश की सियासत कब किस तरफ घूम जाए, ये कहा नहीं जा सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों उत्तर प्रदेश में देखने कि मिल रहा है। बाहुबलियों से दूर रहने वाली भारतीय जनता पार्टी यूपी में उसकी करीबी बनती जा रही है। कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की सीएम योगी और भाजपा से नजदीकी जगजाहिर है। इनके अलावा नौतनवा से बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी भी सीएम योगी के काफी करीबी हो चुके हैं। इसी क्रम में अब एक और बाहुबली विधायक ने खुल कर सीएम योगी का समर्थन किया और उनके साथ मंच शेयर किया जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो चुकी हैं।

बाहुबलियों की बढ़ रही भाजपा से नजदीकी :

सियासत कौन सी करवट ले, कह नहीं सकते हैं। यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, राजा भइया, धनंजय सिंह, विनीत सिंह जैसे बाहुबलियों की भाजपा से नजदीकी सभी को पता है। इसी क्रम में एक और बड़ा नाम अब समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और दिग्गज बाहुबली विजय मिश्रा का नाम भी जुड़ गया है। 2017 में निषाद पार्टी से विधायक बने विजय मिश्रा ने समाजवादी चोला उतारकर खुद को गेरुए रंग में रंगना शुरू कर दिया हैं।

इन दिनों उनकी नजदीकियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा से बढ़ने लगी हैं। राज्यसभा चुनाव में विजय मिश्रा ने खुलेआम बीजेपी को वोट दिया तो अब इसका फायदा उन्हें मिलने लगा है। विजय मिश्र को पूर्व मंत्री शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। मिर्जापुर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विजय मिश्रा को बुलाया गया था और मंच पर जगह दी गयी। बाहुबली विधायक ने भी सीएम योगी का फूल देकर स्वागत किया और उनका आशीर्वाद भी लिया।

सपा से बनते थे विधायक :

बाहुबली विजय मिश्रा कभी समाजवादी पार्टी से विधायक चुने जाते थे और भारतीय जनता पार्टी उनके लिये दुश्मन से कम नहीं थी। मगर सपा में जब सत्ता और पार्टी की कुंजी मुलायम सिंह यादव से हटकर अखिलेश यादव के पास आयी तो विजय मिश्रा के लिये दरवाजे बंद होने लगे। चुनाव आते-आते सपा के दरवाजे विजय मिश्रा के लिये इतने ही खुले थे जितने से वह अंदर झांक तो सकते थे पर जा नहीं सकते थे। ऐसे में विजय मिश्रा ने सपा से इस्तीफ़ा देकर निषाद पार्टी के बैनर पर चुनाव लड़ा और जीता। विजय मिश्रा के लिये कमजोर विपक्ष की जगह मजबूत सत्तापक्ष ही मुफीद लग रहा है। यही वजह है कि वह बीजेपी के लगातार करीब आते जा रहे हैं।

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