कौन हैं स्वामी प्रवक्तानंद ?
स्वामी प्रवक्तानंद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख भगवाधारी नेता के रूप में पहचान रखते हैं। इनका जन्म 25 सितम्बर, 1975 को मरौरी ब्लॉक के मुंडिया रतनपुरी गांव (जिला पीलीभीत) में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री नोखेलाल है। उन्होंने प्रयागराज विश्वविद्यालय से स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की। वर्ष 1994 में इनका विवाह सोमवती देवी से हुआ और इनके दो संतानें हैं—एक पुत्र और एक पुत्री। स्वामी प्रवक्तानंद का मुख्य व्यवसाय कृषि है, लेकिन वे धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
वर्ष 2003 में उन्होंने गृहस्थ जीवन त्यागकर हरिद्वार में गुरु स्वामी अलखानंद से दीक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने “अक्रूर धाम” नामक आश्रम की स्थापना की, जो बरेली हाईवे स्थित खमरिया पुल के पास है। इसी आश्रम से वे सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों को संचालित करते हैं।
स्वामी प्रवक्तानंद का जीवन परिचय
धार्मिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
स्वामी प्रवक्तानंद ने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत 2003 में की थी, जब उन्होंने आध्यात्मिक दीक्षा लेकर सन्यास जीवन को अपनाया। धार्मिक रुझान के साथ-साथ उन्होंने समाज सेवा और संगठन निर्माण में भी रुचि ली। वे वर्ष 2007 से श्री परम अक्रिय धाम समिति के प्रबन्धक हैं, जिसके माध्यम से धार्मिक कार्यों और सेवा कार्यक्रमों का संचालन करते हैं।
पारिवारिक और शिक्षा जीवन
उनका जन्म पिछड़ी जाति (लोधी) समुदाय में हुआ, जो उत्तर प्रदेश की सामाजिक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्नातक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने सामाजिक कार्यों के साथ-साथ राजनीति में कदम रखा।
स्वामी प्रवक्तानंद का राजनीतिक सफर
राजनीति में प्रवेश
स्वामी प्रवक्तानंद ने 2009 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। जल्द ही वे पांचाल ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष जैसे संगठनात्मक पद तक पहुंचे। वर्ष 2012 में उन्हें वरुण गांधी की सिफारिश पर बरखेड़ा विधानसभा सीट से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया, हालांकि वे चुनाव नहीं जीत पाए। उन्हें उस चुनाव में 38,882 वोट प्राप्त हुए थे।
दल परिवर्तन और चुनावी अनुभव
2017 में जब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने बगावत कर राष्ट्रीय लोकदल से चुनाव लड़ा और 22,631 वोट हासिल किए। इसके बाद उन्होंने पुनः भाजपा में वापसी की। वर्ष 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए टिकट नहीं मिलने पर वे अस्थायी रूप से समाजवादी पार्टी में शामिल हुए लेकिन जल्द ही सत्ताधारी दबाव में वापसी कर ली। यह घटनाक्रम उस समय काफी चर्चित रहा और स्वामी प्रवक्तानंद का राजनीतिक व्यवहार कई स्तरों पर चर्चा का विषय बना।
पहली बार विधायक बनने तक का सफर
2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दोबारा उन पर भरोसा जताया और उन्हें बरखेड़ा से प्रत्याशी बनाया। इस बार वे जीतने में सफल रहे और अट्ठारहवीं विधानसभा के सदस्य बने। यह जीत स्वामी प्रवक्तानंद के राजनीतिक जीवन का एक अहम मोड़ रही।
राजनीतिक योगदान और विवाद
स्वामी प्रवक्तानंद का राजनीतिक सफर विवादों से अछूता नहीं रहा। उन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, और समय-समय पर वे दल बदल और टिकट विवादों के कारण चर्चाओं में रहे हैं। बावजूद इसके, उन्होंने अपनी राजनीतिक उपस्थिति और जनसंपर्क के माध्यम से बरखेड़ा क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाई है।
स्वामी प्रवक्तानंद का जीवन धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का मिश्रण है। जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दोनों ही क्षेत्रों में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। वर्तमान में वे बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं
Pilibhit Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट संख्या | विधानसभा क्षेत्र का नाम | विजयी उम्मीदवार का नाम | पार्टी |
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127 | पीलीभीत शहर | संजय सिंह गंगवार | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
128 | बरखेड़ा | जयद्रथ उर्फ स्वामी प्रवक्तानंद | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
129 | पूरनपुर | बाबूराम पासवान | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
130 | बीसलपुर | विवेक वर्मा | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |