सुधाकर सिंह का जन्म 11 नवम्बर 1958 को उत्तर प्रदेश के घोसी क्षेत्र में हुआ। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और राजपूत जाति से संबंध रखते हैं। उनके पिता का नाम श्री कुलदीप सिंह है। उन्होंने स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त की है और उनका व्यावसायिक कार्य कृषि से जुड़ा हुआ है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
सुधाकर सिंह का जीवन परिचय पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक योगदान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने 12 मई 1979 को श्रीमती चिंता देवी से विवाह किया। उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं। वे डॉ. राम मनोहर लोहिया अंबेडकर शिक्षा संस्थान, कौड़ीपुर दुबारी के प्रबंधक भी रह चुके हैं और 2012 से 2023 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
सुधाकर सिंह का राजनीतिक सफर
प्रारंभिक राजनीतिक प्रवेश
सुधाकर सिंह का राजनीतिक सफर 1996 में आरंभ हुआ जब वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर नत्थूपुर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए। इस प्रकार उन्होंने तेरहवीं विधान सभा में सदस्य के रूप में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रवेश किया।
सीट का नामांतरण और पुनः विजय
2012 में नत्थूपुर सीट का नाम बदलकर घोसी कर दिया गया और नए परिसीमन के बाद फिर चुनाव हुए। उन्होंने इस चुनाव में भी विजय प्राप्त की और सोलहवीं विधानसभा में दोबारा विधायक बने। इस दौरान वे प्राक्कलन समिति के सदस्य भी रहे।
चुनावी हार और राजनीतिक संघर्ष
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने घोसी से फिर सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया, लेकिन उन्हें भाजपा के फागू चौहान से हार का सामना करना पड़ा। जब फागू चौहान को 2019 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया तो घोसी सीट रिक्त हो गई और उपचुनाव हुए।
इस उपचुनाव में तकनीकी कारणों से सुधाकर सिंह को सपा से टिकट नहीं मिल सका, लेकिन उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। उन्हें सपा का समर्थन भी मिला, परन्तु इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मधुबन से टिकट कटने के बाद की प्रतिक्रिया
2022 में समाजवादी पार्टी ने घोसी की जगह मधुबन सीट से सुधाकर सिंह को प्रत्याशी बनाया, लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया गया और उनकी जगह उमेश चंद पांडेय को उम्मीदवार घोषित किया गया। इसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए और सपा नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी, हालांकि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया।
सुधाकर सिंह : पुनः वापसी और विजय
सितम्बर 2023 में जब घोसी उपचुनाव की घोषणा हुई, तो समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया। उन्होंने इस उपचुनाव में दारा सिंह चौहान को हराकर तीसरी बार विधायक बनने में सफलता पाई और अठारहवीं विधानसभा में स्थान पाया।
सामाजिक योगदान और लोकतंत्र में भागीदारी
सुधाकर सिंह का जीवन परिचय केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहा, वे एक लोकतंत्र सेनानी भी हैं। इमरजेंसी के दौरान वे जिला कारागार, आजमगढ़ में बंदी रहे और वर्तमान में उन्हें लोकतांत्रिक पेंशन मिलती है। यह दर्शाता है कि उन्होंने जन आंदोलनों और लोकतांत्रिक संघर्षों में सक्रिय भागीदारी निभाई है।
उनका राजनीतिक सफर संघर्ष, प्रतिबद्धता और सामाजिक समर्पण का प्रतीक है। तीन बार विधायक बन चुके सुधाकर सिंह ने न केवल अपने क्षेत्र में राजनीतिक पकड़ बनाई है, बल्कि समाजवादी पार्टी के भीतर भी एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की है।
सुधाकर सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनके स्थायी योगदान का प्रमाण है।
Mau Assembly Election Results 2022 : सपा गठबंधन 3, भाजपा 1
मधुबन | भाजपा | रामविलास चौहान |
घाेसी | सपा- | सुधाकर सिंह |
मुहम्मदाबाद गोहना | सपा | राजेंद्र कुमार |
मऊ सदर | सुभासपा | अब्बास अंसारी |