रमेश सिंह का जन्म 5 दिसंबर 1978 को मुंबई में एक प्रतिष्ठित राजनीतिक और व्यावसायिक परिवार में हुआ था। उनके पिता, हरिबंश सिंह, एक जाने-माने राजनेता और उद्योगपति हैं, जो 2014 में प्रतापगढ़ से अपना दल (एस) के टिकट पर सांसद चुने गए थे। हरिबंश सिंह अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं, जिससे रमेश को राजनीति और सामाजिक सेवा की विरासत मिली।
रमेश सिंह ने अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ गए। उनका परिवार रियल एस्टेट, कृषि और चिकित्सा जैसे विविध क्षेत्रों में सक्रिय है। 5 दिसंबर 1999 को उनका विवाह श्रीमती नीलम सिंह से हुआ, जो खुद एक सक्रिय राजनीतिज्ञ हैं और खुटहन ब्लॉक की पूर्व प्रमुख रह चुकी हैं। इस दंपति के दो पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं।
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रमेश सिंह :राजनीतिक सफर की शुरुआत
रमेश सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2010 में खुटहन ब्लॉक प्रमुख के रूप में की। इस पद पर रहते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया। 2015 में उनकी पत्नी नीलम सिंह ने भी ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, हालाँकि उनका नामांकन पर्चा तकनीकी कारणों से खारिज हो गया।
2017 में रमेश सिंह ने एक बार फिर सक्रिय राजनीति में कदम रखा और अपनी पत्नी को खुटहन ब्लॉक प्रमुख बनाने में सफल रहे। इसके बाद, जब भाजपा ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने बगावत करते हुए अपनी पत्नी को निर्दल प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया। हालाँकि वह चुनाव नहीं जीत पाईं, लेकिन इससे रमेश सिंह की राजनीतिक सूझबूझ और दृढ़ संकल्प का पता चला।
रमेश सिंह : 2022 विधानसभा चुनाव और ऐतिहासिक जीत
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, रमेश सिंह को भाजपा की गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी ने शाहगंज सीट से टिकट दिया। यह सीट पहले समाजवादी पार्टी के पास थी, और इस पर जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती थी। रमेश सिंह ने अपने चुनाव प्रचार में स्थानीय विकास, किसानों के हित और युवाओं के लिए रोजगार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र यादव, बसपा के इंद्रदेव यादव और कांग्रेस के परवेज आलम थे। कड़े मुकाबले के बावजूद, रमेश सिंह ने जनता का भरपूर समर्थन हासिल किया और विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए। यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि निषाद पार्टी के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि थी।
विधायक के रूप में योगदान और भविष्य की योजनाएँ
विधायक बनने के बाद, रमेश सिंह ने शाहगंज क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं:
- ग्रामीण विकास: सड़क निर्माण, बिजली और पानी की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
- किसान हित: कृषि उत्पादों के लिए बेहतर मंडी व्यवस्था और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया।
- शिक्षा एवं स्वास्थ्य: स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत बनाने के लिए कार्य किया।
- युवा रोजगार: कौशल विकास कार्यक्रमों और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में पहल की।
भविष्य में, रमेश सिंह का लक्ष्य न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र को विकसित करना है, बल्कि राज्य स्तर पर निषाद समाज के हितों को मजबूती से उठाना भी है। वे 2027 के चुनाव में फिर से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं और अपनी पार्टी को मजबूत बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। रमेश सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ऐसे नेता की कहानी है जिसने अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए जनता का विश्वास हासिल किया है।
Jaunpur Assembly Election Results 2022
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 – जौनपुर जिले की 9 सीटों का परिणाम
विधानसभा क्षेत्र | विजेता प्रत्याशी | पार्टी | 2017 में विजेता |
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बदलापुर | रमेश चंद्र मिश्रा | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) | रमेशचंद्र मिश्रा |
जौनपुर | गिरीश चंद्र यादव | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) | गिरीश चंद्र यादव |
केराकत | तूफानी सरोज | समाजवादी पार्टी (सपा) | दिनेश चौधरी |
मछलीशहर | रागिनी सोनकर | समाजवादी पार्टी (सपा) | जगदीश सोनकर |
मल्हनी | लकी यादव | समाजवादी पार्टी (सपा) | पारस नाथ यादव |
मड़ियाहूं | आर के पटेल | अपना दल (सोनलयाल) | लीना |
मुंगरा बादशाहपुर | पंकज पटेल | समाजवादी पार्टी (सपा) | सुषमा |
शाहगंज | रमेश सिंह | निषाद पार्टी (भा.ज.पा.) | शैलेंद्र यादव |
जफराबाद | जगदीश नारायण राय | समाजवादी पार्टी (सपा) | हरेंद्र प्रसाद सिंह |
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व