जानिए कौन हैं नाहिद हसन ?

नाहिद हसन का जन्म 27 जून 1987 को उत्तर प्रदेश के कैराना में हुआ था। वे मुस्लिम गुज्जर समुदाय से हैं। उनके पिता स्वर्गीय चौधरी मुनव्वर हसन, चारों सदनों (विधानसभा, विधानपरिषद, लोकसभा, राज्यसभा) के सदस्य रहे। माता बेगम तबस्सुम हसन और दादा चौधरी अख्तर हसन भी सांसद रह चुके हैं। इस प्रकार, उन का परिवार लंबे समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय है। वे एक राजनीतिक माहौल में पले-बढ़े, जहां सार्वजनिक जीवन और चुनावी गतिविधियां घर की चर्चा में रहती थीं।

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नाहिद हसन जीवन परिचय

नाहिद हसन ने प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली में की और बाद में ऑस्ट्रेलिया से बीबीए की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे 2011 में भारत लौटे। उनके लौटने तक मां तबस्सुम हसन ने सक्रिय राजनीति में कदम रख दिया था और 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनीं।

उन के परिवार का राजनीतिक इतिहास बहुत समृद्ध रहा है। उनके दादा 1984 में कांग्रेस से सांसद बने। पिता मुनव्वर हसन ने 1991 और 1993 में विधायक चुनाव जीता और बाद में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, नाहिद के चाचा, चाची, बहन, और रिश्तेदार हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। इस समृद्ध पृष्ठभूमि ने उन्हें राजनीतिक जीवन के लिए तैयार किया।

नाहिद हसन का राजनीतिक सफर

राजनीतिक सफर की शुरुआत

नाहिद हसन ने 2012 में सहारनपुर की गंगोह सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बसपा ने उनका टिकट अंतिम समय पर काट दिया था। यह उनके राजनीतिक सफर की पहली परीक्षा थी।

समाजवादी पार्टी से जुड़ाव

2012 में उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद नाहिद हसन ने सपा का दामन थामा। 2014 में उन्होंने सपा के टिकट पर कैराना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके तुरंत बाद, कैराना विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। इस जीत ने उनके राजनीतिक सफर को नई दिशा दी।

विधानसभा में लगातार जीत

नाहिद हसन 2017 में फिर से कैराना विधानसभा सीट से विधायक बने। इस बार उन्होंने मजबूत बीजेपी लहर में जीत हासिल की। उन्होंने 2022 में एक बार फिर से सपा प्रत्याशी के रूप में कैराना सीट पर विजय प्राप्त की। उन्होंने बीजेपी की मृगांका सिंह को हराया।

राजनीतिक योगदान और अनुभव

  • 2014 में उन्होंने पहली बार उपचुनाव में जीतकर सोलहवीं विधानसभा में पहुंचे।
  • 2017 में सत्रहवीं विधानसभा के सदस्य बने।
  • 2020 से 2022 तक प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे।
  • 2022 में कैराना विधानसभा सीट से अठारहवीं विधानसभा के सदस्य तीसरी बार बने।

नाहिद हसन जीवन परिचय में परिवार की भूमिका

उनके पिता चौधरी मुनव्वर हसन ने जिस राजनीतिक विरासत को छोड़ा, उसे पहले उनकी माता तबस्सुम हसन ने और फिर उन्होंने आगे बढ़ाया। उनके चाचा अनवर हसन नगरपालिका के चेयरमैन हैं। परिवार के कई सदस्य जिला पंचायत से लेकर विधानसभा तक चुने जाते रहे हैं।

नाहिद हसन का जीवन और उनका राजनीतिक सफर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनके परिवार ने क्षेत्र की राजनीति को दशकों तक प्रभावित किया है। तीन बार के विधायक बनकर उन्होंने यह साबित किया कि वे अपने परिवार की विरासत को जिम्मेदारी से आगे ले जा रहे हैं।

Shamli Assembly Election Results 2022

शामली जिले की विधानसभा सीटों के 2022 चुनाव परिणाम

विधानसभा सीट2022 विजेता (पार्टी)
कैरानानाहिद हसन (सपा)
शामलीप्रसन्न कुमार चौधरी (आरएलडी)
थाना भवनअशरफ अली खान (आरएलडी)
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