जानिए कौन हैं मुकेश चौधरी ?
मुकेश चौधरी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नाम बन चुके हैं। सहारनपुर जिले के नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने भाजपा में अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया। उनका जन्म 01 जनवरी 1975 को सहारनपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री कृपाल सिंह है। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने स्नातक स्तर तक पढ़ाई की और इसके साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त किया। निजी जीवन में वे 17 अप्रैल 2000 को श्रीमती मीनू के साथ वैवाहिक जीवन में बंधे। उनके दो संतानें हैं—एक पुत्र और एक पुत्री।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
मुकेश चौधरी का जीवन परिचय : प्रारंभिक पृष्ठभूमि और सामाजिक योगदान
मुकेश चौधरी का जीवन परिचय सहारनपुर जिले की ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है। वे गुर्जर जाति से आते हैं और हिन्दू धर्म का पालन करते हैं। उनका पेशा कृषि, बागवानी, पशुपालन और व्यापार से संबंधित रहा है। उन्होंने समाज सेवा के साथ-साथ स्थानीय निकायों में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 1999 से 2009 तक वे दो बार जिला सहकारी संघ, सहारनपुर के निदेशक रहे। 2006 से 2011 तक उन्होंने बलियाखेड़ी ब्लॉक प्रमुख के रूप में कार्य किया। इस दौरान उनके नेतृत्व में बलियाखेड़ी ब्लॉक को भारत सरकार द्वारा “निर्मल ब्लॉक” घोषित किया गया, जो उनके प्रशासनिक कौशल का प्रमाण है।
राजनीतिक सफर : भाजपा में आने तक का मार्ग
मुकेश चौधरी का राजनीतिक सफर 2006 में ब्लॉक प्रमुख बनने के साथ शुरू हुआ। इसके बाद वे जिला पंचायत सदस्य और भाजपा संगठन के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। 2014 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर नगर सीट से उपचुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। यह पराजय उनकी दिशा नहीं, बल्कि राजनीतिक दल को बदलने की प्रेरणा बनी। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और धीरे-धीरे पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत की।
भाजपा में मजबूती और विधानसभा चुनाव की जीत
भाजपा में शामिल होने के बाद, मुकेश चौधरी ने संगठनात्मक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। वे नकुड़ देहात मंडल के प्रभारी और कोटा मंडल के सेक्टर संयोजक जैसे पदों पर भी कार्य कर चुके हैं। 2021 के जिला पंचायत चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2022 में नकुड़ विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया।
पूर्व विधायक डॉ. धर्म सिंह सैनी द्वारा भाजपा छोड़ने के बाद इस सीट पर मुकेश चौधरी को उतारने का निर्णय पार्टी के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। उन्होंने सैनी को पराजित कर 20 वर्षों की निरंतर जीत का क्रम तोड़ दिया और विधानसभा में पहली बार प्रवेश किया।
राजनीतिक सफर में उपलब्धियां और संगठनात्मक भूमिका
मुकेश चौधरी का राजनीतिक सफर केवल चुनावी जीत तक सीमित नहीं रहा। वे उत्तर प्रदेश ब्लॉक प्रमुख संघ, लखनऊ के महासचिव भी रहे। सहारनपुर जिला कारागार में भी वे 5 दिन की बंदी भुगत चुके हैं जो उनके राजनीतिक संघर्ष को दर्शाता है। 2020 में वे भाजपा के प्रांतीय परिषद के सदस्य भी बने।
राजनीति में स्थायित्व की दिशा में एक कदम
मुकेश चौधरी का योगदान उत्तर प्रदेश की राजनीति में तेजी से बढ़ता जा रहा है। उनका जीवन परिचय और राजनीतिक सफर इस बात का प्रमाण है कि एक सामाजिक पृष्ठभूमि से आया व्यक्ति भी पार्टी संगठन में मेहनत और निष्ठा से अपनी जगह बना सकता है। सहारनपुर की राजनीति में अब उनका नाम एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हो चुका है।
Saharanpur Assembly Election Results 2022
सहारनपुर जिले की सभी सात विधानसभा सीटों के विजेता
क्रम संख्या | विधानसभा सीट | विजेता उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|---|---|
1 | गंगोह | किरत सिंह | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
2 | देवबंद | बृजेश सिंह | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
3 | नकुड़ | मुकेश चौधरी | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
4 | बेहट | उमर अली खान | समाजवादी पार्टी (सपा) |
5 | रामपुर मनिहारन | देवेंद्र कुमार निम | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
6 | सहारनपुर | आशु मलिक | समाजवादी पार्टी (सपा) |
7 | सहारनपुर नगर | राजीव गुंबर | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |