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सिद्धार्थनगर जिले के इटवा विधायक माता प्रसाद पांडे का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर

Mata Prasad Pandey सिद्धार्थनगर जिले के इटवा विधायक माता प्रसाद पांडे का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर

Mata Prasad Pandey सिद्धार्थनगर जिले के इटवा विधायक माता प्रसाद पांडे का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर

जानिए कौन हैं माता प्रसाद पांडे ?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में माता प्रसाद पांडे का नाम एक अनुभवी और वरिष्ठ नेता के रूप में लिया जाता है। उनका जन्म 31 दिसंबर 1942 को सिद्धार्थनगर जिले के पिरैला गांव में हुआ। पिता का नाम स्वर्गीय गोमती प्रसाद पांडे था। उन्होंने बी.ए., एम.ए. और एलएल.बी. की शिक्षा प्राप्त की। उनका विवाह 14 मई 1965 को श्रीमती सूर्यमती पांडे से हुआ। उनके परिवार में एक पुत्र और पाँच पुत्रियाँ हैं।

छात्र जीवन के दौरान ही उनका झुकाव सामाजिक कार्यों और जनसेवा की ओर था। यही कारण रहा कि उन्होंने राजनीति को अपने जीवन परिचय का हिस्सा बनाया।

माता प्रसाद पांडे का राजनीतिक सफर

माता प्रसाद पांडे ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1980 में की थी। उन्होंने पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधानसभा में प्रवेश किया। इसके बाद 1985 में लोकदल से और 1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते।

1991 में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कैबिनेट में स्थान मिला। वे चिकित्सा, परिवार कल्याण और मातृ-शिशु कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

समाजवादी पार्टी से जुड़ाव और दोबारा वापसी

2002 में माता प्रसाद पांडे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। इस बार उन्होंने पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की और विधानसभा पहुंचे। 2003 में वे श्रम एवं सेवायोजन मंत्री बने। इसके बाद 2007 और 2012 में लगातार दो बार सपा के टिकट पर चुनाव जीतते रहे।

2012 में वे दूसरी बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए। इस दौरान उन्होंने विधायी प्रक्रिया को प्रभावशाली रूप से संचालित किया।

2022 में फिर से जीत और विपक्ष के नेता की भूमिका

2017 में हार का सामना करने के बाद, इटवा विधानसभा सीट 2022 में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर माता प्रसाद पांडे पर भरोसा जताया। वे जीतकर सातवीं बार विधानसभा में पहुंचे। 28 जुलाई 2024 को उन्हें नेता विरोधी दल चुना गया।

उनकी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शामिल रहे। वे कनाडा, फिजी, नाइजीरिया और श्रीलंका में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

सार्वजनिक योगदान और समितियों में भूमिका

उन्होंने विभिन्न विधायी समितियों में सक्रिय भूमिका निभाई। इनमें याचिका समिति, नियम समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति शामिल हैं।

वे लंबे समय तक शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। 1977 से माता प्रसाद जायसवाल इंटर कॉलेज और श्रीमती यशोदा देवी कन्या हाईस्कूल के प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं।

उनकी पहचान एक जनप्रतिनिधि के साथ-साथ एक शिक्षा प्रेमी समाजसेवी के रूप में भी रही है।

निष्कर्ष : माता प्रसाद पांडे का समर्पित सार्वजनिक जीवन

माता प्रसाद पांडे का राजनीतिक सफर सात बार विधानसभा सदस्य के रूप में और दो बार विधानसभा अध्यक्ष बनने तक पहुंचा। उन्होंने विभिन्न विभागों में मंत्री के रूप में कार्य किया और जनता के हित में निर्णय लिए।

उनकी यात्रा उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्थायित्व और अनुभव का प्रतीक मानी जाती है। उनका जीवन परिचय राजनीतिक प्रतिबद्धता और समाज सेवा की मिसाल है।

सिद्धार्थनगर जिले की विधानसभा सीटों के 2022 चुनाव परिणाम Siddharthnagar Assembly Election Results 2022

विधानसभा सीट2022 विजेता (पार्टी)
बांसीजय प्रताप सिंह (भाजपा)
डुमरियागंजसैयदा खातून (सपा)
इटवामाता प्रसाद पांडे (सपा)
कपिलवस्तुश्याधानी राही (भाजपा)
शोहरतगढ़विनय वर्मा (अपना दल-सोनेलाल)

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