जय प्रताप सिंह का जीवन परिचय
जय प्रताप सिंह का जन्म 7 सितंबर 1953 को बिहार के डुमरांव में हुआ। वे क्षत्रिय समुदाय से आते हैं और हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। उनके पिता रूद्र प्रताप सिंह सेना में कार्यरत थे और सेवानिवृत्ति के बाद दिल्ली में रहते थे। पिता की मृत्यु के बाद उन्हें बांसी रियासत की गद्दी मिली।
Siddharthnagar Assembly Election Results 2022 : तीन सीटों पर भाजपा की जीत, दो सीटों पर सपा
उन्होंने 1974 में मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनका विवाह वसुन्धरा कुमारी से 19 जनवरी 1983 को हुआ था। उनके दो पुत्र हैं, जिनका नाम कुंवर अधिराज प्रताप सिंह और कुंवर अभय प्रताप सिंह है। वह बांसी के शिक्षा संस्थानों के प्रबंधक भी हैं।
आज मुख्यमंत्री आवास लखनऊ में कर्मठ, ऊर्जावान एवं लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री @myogiadityanath जी से शिष्टाचार भेंट कर शुभ दीपावली की बधाई दिया। pic.twitter.com/BmwmdVGMi9
— Jai Pratap Singh (@jpbansi) October 21, 2022
जानिए कौन हैं जय प्रताप सिंह ?
जय प्रताप सिंह का परिवार सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों से जुड़ा रहा है। वे 1979 से राजा रतन सेन सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट और रतनसेन इंटर कॉलेज के प्रबंधक रहे हैं। इसके साथ ही वह रतन सेन डिग्री कॉलेज बांसी के भी संस्थापक प्रबंधक हैं।
उनके नेतृत्व में कई ग्रामीण क्षेत्रीय विकास कार्यों को बढ़ावा मिला। उनका सामाजिक जुड़ाव शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी देखा गया है।
जय प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर : जीवन परिचय के साथ
राजनीतिक सफर की शुरुआत
जय प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर 1989 में शुरू हुआ, जब उन्होंने पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बांसी विधानसभा सीट से जीत हासिल की। 1991 में भी उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दोहराई। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन की।
भाजपा से लंबा नाता
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने 1993, 1996, और 2002 में जीत दर्ज की। वर्ष 2007 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, परंतु 2012 में फिर से जीत हासिल की। इसके बाद 2017 और 2022 में भी बांसी विधानसभा सीट से जय प्रताप सिंह ने बांसी सीट से भाजपा के टिकट पर विजय पाई।
मंत्री के रूप में भूमिका
मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार में उन्हें आबकारी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया। उनकी जिम्मेदारियों में स्वास्थ्य क्षेत्र के कई सुधार कार्य शामिल रहे। 2022 में वे आठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए।
जय प्रताप सिंह का सामाजिक योगदान
उन्होंने राजनीति के साथ-साथ शिक्षा को प्राथमिकता दी। वे 1979 से कई शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक हैं। इसके अतिरिक्त वे राजा रतन सेन सिंह शिक्षा परिषद से भी जुड़े हैं।
उनकी भूमिका केवल राजनीति तक सीमित नहीं रही। उन्होंने बांसी क्षेत्र में राजकीय योजनाओं का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। उनके कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधाओं और सड़कों की स्थिति में सुधार हुआ।
राजनीतिक सफर और जनविश्वास
जय प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर लंबा और स्थिर रहा है। उन्होंने 1989 से लेकर 2022 तक कुल आठ बार विधानसभा चुनाव जीता। उनके समर्थक उन्हें ‘राजा साहब’ के नाम से जानते हैं और इस नाम से जुड़ा जनसमर्थन उनके पक्ष में चुनाव परिणामों में दिखता है।
बांसी सीट पर विजय का इतिहास
2017 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के लालजी को 18942 वोटों से हराया था। 2022 में उन्होंने फिर से जीत हासिल की। उस चुनाव में सपा से नवीन, बसपा से राधेश्याम और कांग्रेस से किरण शुक्ला उम्मीदवार थीं।
उनका जीवन परिचय उनके स्थायी नेतृत्व और जनसेवा की भावना को दर्शाता है। राजनीति में लंबे अनुभव के साथ-साथ उनका शैक्षणिक और सामाजिक जुड़ाव उन्हें एक व्यापक व्यक्तित्व प्रदान करता है।
सिद्धार्थनगर जिले की विधानसभा सीटों के 2022 चुनाव परिणाम Siddharthnagar Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | 2022 विजेता (पार्टी) |
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बांसी | जय प्रताप सिंह (भाजपा) |
डुमरियागंज | सैयदा खातून (सपा) |
इटवा | माता प्रसाद पांडे (सपा) |
कपिलवस्तु | श्यामधनी राही (भाजपा) |
शोहरतगढ़ | विनय वर्मा (अपना दल-सोनेलाल) |