जानिए कौन हैं अनिल कुमार मौर्य ?
अनिल कुमार मौर्य का जन्म 20 अक्टूबर 1969 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित अकाथा गांव में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्रीराम मौर्य था। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और पिछड़ी जाति (मौर्य समुदाय) से आते हैं। प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय में हुई। उच्च शिक्षा की बात करें तो उन्होंने काशी विद्यापीठ, वाराणसी से स्नातकोत्तर के बाद पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

वर्ष 1990 में उनका विवाह श्रीमती रानी मौर्य से हुआ। उनके परिवार में दो पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं। अनिल कुमार मौर्य का व्यवसाय मुख्य रूप से कृषि से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में उनका स्थायी निवास स्थान सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील के औराही गांव में है।
संख्या सिद्धांत एवं विश्लेषण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान
— Dr. Anil Maurya (@Dr_AnilMaurya) April 26, 2025
देकर भारत को विश्व में अतुलनीय गौरव प्रदान कराने
वाले महान गणितज्ञ
श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जी
की पुण्यतिथि पर उन्हें
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अनिल कुमार मौर्य का जीवन परिचय
राजनीतिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि से जुड़े उनका जीवन परिचय उनके सामाजिक और राजनीतिक योगदान से परिपूर्ण है। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने शोध कार्य कर काशी विद्यापीठ से पीएच.डी. की और इस दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। यही से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत मानी जाती है।
वे 2002 में पहली बार बसपा के टिकट पर चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। यह उनकी पहली बड़ी राजनीतिक सफलता थी। इसके बाद 2007 में वे दूसरी बार विधायक बने, इस बार उनका निर्वाचन क्षेत्र राजगढ़ था।
हालांकि, 2012 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके पश्चात उन्होंने राजनीतिक रणनीति में बदलाव करते हुए वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
अनिल कुमार मौर्य का राजनीतिक सफर
अनिल कुमार मौर्य का राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ाव से होकर गुज़रा है। वर्ष 2002 से 2007 तक उन्होंने पहली बार विधायक के रूप में कार्य किया। इसके बाद, 2007 से 2012 तक वे पुनः विधानसभा पहुंचे और जनप्रतिनिधित्व करते रहे। 2012 में हार के बावजूद वे राजनीति से पीछे नहीं हटे।
वर्ष 2017 में उन्होंने भाजपा में शामिल होकर घोरावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2022 में भी वे पुनः भाजपा के टिकट पर घोरावल विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए। उनका यह राजनीतिक योगदान विधानसभा में चार बार निर्वाचित सदस्य के रूप में दर्ज है।
राजनीति में उनकी भूमिका को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उनका जीवन परिचय समाज और जनसेवा को समर्पित रहा है। उन्होंने अपने क्षेत्र में कई विकास कार्यों को भी गति दी है।
राजनीतिक विवाद और निष्कासन
एक समय ऐसा भी आया जब अनिल कुमार मौर्य पार्टी विवादों का हिस्सा बने। वर्ष 2016 में बसपा ने उन्हें और उनके भाई उदय लाल मौर्य को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित कर दिया। राम अचल राजभर, जो उस समय प्रदेश अध्यक्ष थे, ने इस निष्कासन की पुष्टि की थी।
यह घटना उनके राजनीतिक जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और आगे का राजनीतिक सफर भाजपा के साथ जारी रखा।
अनिल कुमार मौर्य का जीवन परिचय उनके संघर्ष, शिक्षा और राजनीतिक प्रतिबद्धता का परिचायक है। उन्होंने चार बार विधायक बनकर जनता का प्रतिनिधित्व किया है और विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ जुड़े रहकर सामाजिक मुद्दों पर कार्य किया है।
उनका राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि वे परिस्थितियों से जूझने और स्वयं को पुनः स्थापित करने में सक्षम नेता हैं। शिक्षा और राजनीति के अनुभव ने उन्हें एक स्थिर जननेता के रूप में पहचान दिलाई है।
सोनभद्र की चारों विधानसभा सीटों के विजेता Sonbhadra Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी |
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रॉबर्ट्सगंज | भूपेश चौबे | भारतीय जनता पार्टी |
ओबरा (एसटी) | संजीव कुमार | भारतीय जनता पार्टी |
दुद्धी (एसटी) | रामदुलार गोंड *(पूर्व) | भारतीय जनता पार्टी |
दुद्धी (उपचुनाव) 2024 | विजय सिंह गोंड | समाजवादी पार्टी |
घोरावल | अनिल कुमार मौर्य | भारतीय जनता पार्टी |