सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय कैसे लिया गया, इस पर पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि 2015 में म्यांमार की सीमा पर चलाए गए उग्रवाद विरोधी अभियान के बाद एक टीवी एंकर के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से एक अपमानजनक सवाल पूछा। उन्होंने आगे कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक मीडिया के तीखे सवाल से उपजी है। बता दें कि पिछले साल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी।
एक सभा में किया सर्जिकल स्ट्राइक योजना का खुलासा :
- गोवा के मुख्यमंत्री उद्योगपतियों की एक सभा को संबोधित किया।
- इस दौरान उन्होंने कहा कि पीओके में आतंकवादियों पर किए गए लक्षित हमलों की योजना 15 महीने पहले बनी थी।
- कहा चार जून 2015 को पूर्वोत्तर के आतंकी समूह एनएससीएन-के ने मणिपुर के चंदेल जिले में भारतीय सेना के एक काफिले पर हमला कर 18 जवानों की जान ले ली थी।
- इसके बाद आठ जून को भारत ने भारत-म्यांमार की सीमा पर लक्षित हमले कर करीब 70-80 उग्रवादियों को मार गिराया।
मीडिया के सवाल का बहुत बुरा लगा :
- पर्रिकर ने कहा कि उन्हें मीडिया के एक सवाल का बहुत बुरा लगा था।
- जब केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सैन्यकर्मी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से एक टीवी एंकर ने पूछा था।
- सवाल था कि क्या आप में देश के पश्चिमी मोर्चे पर भी ऐसा करने का साहस एवं क्षमता है ?
- इस पर पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने तब ध्यान से सवाल सुना लेकिन इसका जवाब सही समय पर देने का फैसला किया।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Tags
#Abusive question
#Anti-militant campaign
#Manohar Parrikar
#manohar parrikar surgical strike
#Media
#Myanmar border
#PoK
#Rajyavardhan Singh Rathod
#surgical strike
#Terrorist group NSCN
#अपमानजनक सवाल
#आतंकी समूह एनएससीएन
#उग्रवाद विरोधी अभियान
#पीओके
#मनोहर पर्रिकर
#मीडिया
#म्यांमार सीमा
#राज्यवर्धन सिंह राठौड़
#सर्जिकल स्ट्राइक