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गौशाला Gaushala

बलिया जिले की सभी गौशालाओं की विस्तृत जानकारी

Gaushala in Ballia - बलिया जिले की सभी गौशालाओं की जानकारी

Gaushala in Ballia - बलिया जिले की सभी गौशालाओं की जानकारी

बलिया जिले में गौशालाएँ और वृहद गौसंरक्षण केंद्र [ Gaushala in Ballia ] स्थित हैं, जिनमें गोवंश के संरक्षण और देखभाल का कार्य किया जाता है। जिले में कुल 31 गौशालाएँ हैं, जिनमें कुल 2,568 गोवंश हैं।

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : 40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा


1. बलिया जिले की प्रमुख गौशालाएँ [ Gaushala in Ballia ]

➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)

  1. बघेवा, हनुमानगंज48 गोवंश
  2. शाहपुर, गड़वार87 गोवंश
  3. सोहांव, सोहांव133 गोवंश
  4. बघूंच, बेलहरी321 गोवंश
  5. सरक, दूभर22 गोवंश
  6. बेल्थरा रोड, सियर22 गोवंश
  7. रघुनाथपुर, नगरा80 गोवंश
  8. बहारपुर, नगरा66 गोवंश
  9. हल्दीरामपुर, सियर58 गोवंश
  10. गोपालपुर, चिलकहर95 गोवंश
  11. नागपुर, रसड़ा103 गोवंश
  12. बच्चईपुर, चिलकहर180 गोवंश
  13. कुशहर, रेवती62 गोवंश
  14. भगवानपुर, मुरली छपरा139 गोवंश
  15. डाकिन गंज, पांडेयपुर95 गोवंश
  16. तिवारीपुर हदसर, नवानगर58 गोवंश
  17. सिकंदरपुर, नवानगर74 गोवंश
  18. रसड़ा, रसड़ा50 गोवंश
  19. बांसडीह, बांसडीह35 गोवंश
  20. बैरिया, बैरिया33 गोवंश

➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)

  1. जिगरसर, मनियर210 गोवंश
  2. करौंदी, नगरा130 गोवंश

➤ कान्हा उपवन (Kanha Upvan) गौशाला

  1. मनियर कान्हा गोवंश आश्रय168 गोवंश

2. कुल आंकड़े [ Gaushala in Ballia ]

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा


3. बलिया की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) [ Gaushala in Ballia ]

➤ अप्रैल 2022 – बघूंच गौशाला में गोवंश की मौत

➤ सितंबर 2022 – करौंदी गौशाला में चारे की समस्या

➤ जनवरी 2023 – मनियर कान्हा उपवन में आगजनी की घटना

➤ जून 2023 – गोपालपुर गौशाला में जलभराव की समस्या

➤ मार्च 2024 – जिगरसर गौशाला में बीमार गोवंश

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन


4. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

गौशालाओं में चारे और पानी की बेहतर व्यवस्था।
बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति।
स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी।
विशेष रूप से बड़ी गौशालाओं में अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की गईं।


बलिया जिले की गौशालाओं में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

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अस्वीकरण:

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