भोजपुरी सिनेमा ने अब तक बहुत तरक्की कर ली है. बॉलीवुड के साथ ही अब लोग भोजपुरी सिनेमा को भी पसंद करने लगे है. भारत की पहली भोजपुरी फिल्म जिसे खुद राष्ट्रपति ने भी देखा था. आज हम आपको बताते है कि वो कौन सी फिल्म थी जिसने राष्ट्रपति को भी फिल्म देखने के लिए मजबूर कर दिया था.
जाने पहली भोजपुरी फिल्म :
- साल 1961 में आई फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढइबो’ पहली भोजपुरी फिल्म थी.
- इस फिल्म की पूरी कहानी विधवा पुनर्विवाह पर आधारित थी.
- फिल्म का निर्देशन कुंदन कुमार द्वारा किया गया है.
- इस फिल्म में नजीर हुसैन, असीम कुमार और कुमकुम ने मुख्य भूमिका निभाई थी.
- ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढइबो’ का संगीत चित्रगुप्त द्वारा और लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया था.
- इस फिल्म की कहानी इतनी दमदार थी कि इसे कई हिंदी फिल्मकारों ने फिल्माने की पेशकश की थी.
- लाख प्रलोभन देने के बाद भी इस फिल्म के लेखक नाजिर हुसैन से वह पटकथा मशहूर फिल्मकार विमल राय भी हासिल नहीं कर सके थे.
- जब इस फिल्म की कहानी तैयार हो गयी तो इस फिल्म के बारे में नाजिर ने एक फंक्शन के दौरान राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात की और उन्हें इस फिल्म की कहानी के बारे में बताया.
- राष्ट्रपति ने इस फिल्म की सराहना की और कहा कि आप भोजपुरी फिल्म बनाइये.
- उसके बाद नाजिर ने इस फिल्म की पटकथा विमल राय को दि लेकिन कुछ बात नहीं बनी थी.
- लेकिन इस फिल्म के लिए सबसे बड़ी समस्या पैसों की आन पड़ी.
- एक दिन नाजिर की मुलाकात आरा के व्यवसायी विश्वनाथ प्रसाद शाहाबाद से हो गई.
- विश्वनाथ प्रसाद शाहाबाद के पास अपना स्टूडियो और सिनेमा हॉल था.
- शाहाबाद के रूप में उन्हें फाइनेंसर मिल गया और फिल्म का मुहूर्त शॉट पटना के शहीद स्मारक में हुआ और उसके बाद इस फिल्म का निर्माण शुरू हो गया.
- यह फिल्म जब रिलीज़ हुई तो सड़कों पर बैलगाड़ियों की कतार लग गयी.
- उस समय जिन लोगों को टिकेट नहीं मिल पाता था वो लोग रात में रुक कर अगले दिन फिल्म देखकर अपने घर जाते थे.
- पहले के ज़माने में फिल्म देखना किसी उत्साव से कम नहीं होता था
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.